राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द से शाम 5 बजे मिलेंगे विपक्षी सांसद, कृषि बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने की करेंगे मांग

Font Size

नई दिल्ली । संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कृषि कानून को लेकर विपक्षी सांसद आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने विपक्ष के केवल 5 सांसदों को मिलने की अनुमति दी है। इनके लिए आज शाम 5:00 बजे का समय निर्धारित किया गया है।

समझा जाता है कि विपक्षी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कृषि कानून पर हस्ताक्षर नहीं करने की मांग करेंगे। इससे पूर्व भी विपक्ष की ओर से या मांग राष्ट्रपति से की गई थी। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल पर जबरदस्त हंगामा हुआ था और विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ अभद्र व्यवहार किया था।उन्हें कार्यवाही चलाने में भारी व्यवधान पैदा किया। यहां तक की तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संसद की रूल बुक को पार कर उपसभापति की टेबल पर से का जबकि मार्शल की लगातार मना करने के बावजूद वह जबरन उपसभापति तक पहुंच गए और उन्हें धमकाने की कोशिश की।

विपक्ष के सिविल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार की ओर से राज्यसभा में मौजूद केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री बिल पर बहस के बाद इसे तत्काल पास कराने पर बल दे रहे थे। हालांकि इस बिल को लेकर कई विपक्षी सांसदों ने संशोधन का प्रस्ताव भी दिया था लेकिन उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के लगातार अनुरोध करने के बावजूद विपक्षी सांसद सीट पर बैठने को तैयार नहीं चाहिए और ना ही विधेयक पर चर्चा करने को या फिर वोटिंग में हिस्सा लेने को तैयार थे। विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया कई सांसद रिपोर्टर्स टेबल पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तो मार्शल के साथ भी हाथापाई की जबकि डेरेक ओ ब्रायन ने सारी मर्यादाओं को लांग कर उपसभापति के टेबल के माइक भी तोड़ डाले थे।

अंततः तीनों ही किसी बिल राज्यसभा से ध्वनि मत से पारित कराए गए। अब विपक्ष इसके विरोध में राष्ट्रपति के दरबार में गुहार लगाने की कोशिश में है और उन पर दबाव बनाने की राजनीति के तहत उनसे इन बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करने की मांग करने वाले हैं । शाम 5:00 बजे विपक्षी सांसदों की मुलाकात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से होगी। उसके बाद ही स्पष्ट होगा कि विपक्ष ने राष्ट्रपति से क्या कहा और राष्ट्रपति ने उन्हें क्या आश्वासन दिया।

You cannot copy content of this page