– 61 हजार करोड़ रुपए का ऋण छोड़ कर गए थे या 98 हजार करोड़ रुपए का
गुरुग्राम, 1 मार्च। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पहले विपक्ष यह बताए कि सन 2014 में वे राज्य पर 61 हजार करोड़ रुपये का ऋण छोड़ कर गए थे या 98000 करोड़ रूपए का। पहले विपक्ष इस 37000 करोड रुपए के बड़े झूठ को स्पष्ट करें, उसके बाद आगे बात करेंगे।
श्री मनोहर लाल आज गुरुग्राम में बजट पर चर्चा करने के लिए आए थे। गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित बजट पर चर्चा में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बजट पर विशेषज्ञता रखने वाले गोपाल कृष्ण के अलावा भाजपा के हरियाणा में निर्वाचित सांसदों, विधायकों, पूर्व मंत्रियों, चेयरमैन सहित पार्टी के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
इस चर्चा के बाद लोक निर्माण विश्राम गृह में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बजट की बारीकियों से धरातल तक पार्टी कार्यकर्ताओं तथा आम जनता को अवगत करवाने के लिए यह चर्चा रखी गई थी । उन्होंने कहा कि बजट के छोटे-छोटे विषय पार्टी कार्यकर्ताओं तथा आम जनता तक कैसे पहुंचाएं, इस पर आज की बैठक में चर्चा की गई है। पार्टी के सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक तथा अन्य पदाधिकारी जिलों में जाकर बजट की बारीकियों के बारे में लोगों को बताएंगे। उन्होंने कहा कि हर वर्ग जैसे किसान, अर्थशास्त्री, व्यापारी , उद्योगपति खिलाड़ी आदि बजट को अपने अपने ढंग से समझने की कोशिश करता है।
जब उनसे यह पूछा गया कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि प्रदेश पर ऋण का बोझ बढ़ गया है तो मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि पहले विपक्ष बड़ा झूठ बोलना बंद करें। वे कहते हैं कि 61 हजार करोड़ का ऋण छोड़ कर गए थे जबकि मैं कहता हूं कि 98 हजार करोड़ रुपए का ऋण छोड़ गए थे। इसमें 37000 करोड रुपए का बड़ा झूठ बोल कर वो एक बार तो जनता को कुछ समय के लिए भ्रम में डाल सकते हैं, परंतु अंततोगत्वा डाटा तो डाटा है। इतिहास के आंकड़े तो है ही, जो आज ना विपक्ष बना सकता है और ना ही हम। इसलिए पहले वह बताएं, इस झूठ को स्पष्ट करें।
इससे पहले बजट पर चर्चा में बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की आय बढ़ेगी, बजट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं। अब जहां पंचायती राज संस्थाओं की आय लगभग 330 करोड़ रुपए है, वह बढ़कर 500 करोड़ रुपए तक जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस बार बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सोशल सिक्योरिटी पर बल दिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सिंचाई के लिए बजट 65% बढ़ाया गया है और उसमें माइक्रो इरीगेशन को महत्व दिया गया है। प्रदेश में पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रोजेक्ट बनाए जाएं और सीवरेज के रीसाइकिल्ड तथा ट्रीटेड पानी का पुन उपयोग हो। उन्होंने बताया कि पर्यावरण के नाते भी प्रावधान जोड़े गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में 23 पीएसयू में से सन 2014 -15 में 13 पीएसयू प्रॉफिट में थी तथा 10 घाटे में चल रही थी। अब वर्तमान सरकार के प्रयासों से 19 पीएसयू प्रॉफिट में हैं और केवल चार पीएसयू ही घाटे में रह गई हैं, जिन्हें भी घाटे से उबारने के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 6 पीएसयू को हम घाटे से उबार लाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में गन्ने का भाव देश में सर्वाधिक है और चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण ने केंद्रीय बजट की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और बताया कि महंगाई की दर कंट्रोल में है। उन्होंने यह भी बताया कि विदेशी निवेश में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि 5 साल में केंद्र में अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया है।