यह संगोष्ठी आयुर्वेद उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी 2022 तक तीन गुना करने के आयुष मंत्रालय द्वारा तय किए गए बड़े लक्ष्य की दिशा में उठाया गया एक कदम है। संभावना है कि संगोष्ठी के माध्यम से व्यापार के अवसरों के बारे में हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा की जा सकेगी, युवा उद्यमियों को नई प्रौद्योगिकी और नवाचारों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा तथा वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद उत्पादों के लिए अवसरों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी। संगोष्ठी में विपणन, वित्तीय प्रबंधन, नवाचार, टेली मेडिसिन और स्टार्टअप के विशेषज्ञ तथा नीति निर्माता और आयुर्वेद फार्मा और चिकित्सा उद्योग क्षेत्र के अनुभवी लोग प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे और उनका मार्ग दर्शन करेंगे।
संगोष्ठी के दौरान होने वाली चर्चाओं के माध्यम से युवा उद्यमियों को आयुर्वेद क्षेत्र में कारेाबार की विभिन्न संभावनाओं, नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के तरीके तथा कारोबार शुरू करने के लिए सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं की जानकारी मिलने की संभावना है। आयुष मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस कथन को साकार करना चाहता है जिसमें उन्होंने कहा है कि स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहे युवा उद्यमियों के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं और आईटी क्षेत्र में पिछले 30 सालों में जो क्रांति आई है उसके अब आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी आने का समय आ गया है।
तीसरे आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में देशभर से करीब 800 प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। आयुर्वेद क्षेत्र के जानेमाने वैद्यों को इस दिन ‘राष्ट्रीय धनवंतरी आयुर्वेद पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, धनवंतरी की प्रतिमा वाली ट्राफी और पांच लाख रूपये नकद दिए जाएंगे। इस बार यह पुरस्कार आयुर्वेद के जानेमाने विशेषज्ञ वैद्य शिव कुमार मिश्रा, वैद्य माधव सिंह भघेल और इतूजी भवदासन नंबूदरी को दिया जाएगा। इनका चयन आयुष मंत्रालय ने किया है। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई आयुर्वेद प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
तीसरे आयुर्वेद दिवस के अवसर पर 5 नवंबर को आयुष स्वास्थ्य प्रणाली का इलेक्ट्रोनिक माध्यम से रिकॉर्ड रखने के लिए आयुष-स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (ए-एचएमआईएस) के नाम से एक समर्पित सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन लांच किया जाएगा। इसे शुरूआती चरण में देश के विभिन्न हिस्सों में 15 आयुष इकाइयों में शुरू किया जाएगा। इससे आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा के तरीकों में आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
आयुष मंत्रालय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित करेगा। इनमें नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, अनुसंधान परिषद, गुजरात के आयुर्वेद में स्नातकोत्तर शिक्षा और अनुसंधान संस्थान तथा जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा आयोजित हाफ मैराथॉन देश के 100 से ज्यादा प्रमुख शहरों में आयोजित गतिविधियों में से एक होगा।
इस अवसर पर औषधीय पौधों पर प्रदर्शनी, उनका वितरण, मरीजों के लिए जरूरी जानकारी तथा आयुर्वेद के बारे में सोशल मीडिया पर अभियान जैसी गतिविधियां भी होंगी।
सभी राज्य सरकारों के आयुष निदेशालय, आयुर्वेद कॉलेज, शिक्षण संस्थान, आयुष स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, आयुर्वेद प्रैक्टिशनर संघ, आयुर्वेद दवा उद्योग तथा भारत और विदेशों में आयुर्वेद के सभी समर्थक, शुभचिंतक और हितधारक आयुर्वेद दिवस के अवसर पर 5 नवंबर को सार्वजनिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान, सेमिनार, प्रदर्शनी और रेडियो वार्ता आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे।