राजनीतिक दल, सांसदों के लिए आचार संहिता बनाएं : उपराष्ट्रपति

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उपराष्ट्रपति पद पर एक वर्ष पूरे होने पर पुस्तक-मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्ड-एक ईयर इन ऑफिस‘ का विमोचन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया उपराष्ट्रपति नायडू की पुस्तक का विमोचन  

सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडु ने आज सभी राजनीतिक दलों से नीति निर्माताओं के लिए सदन के भीतर एवं सदन के बाहर एक आचार संहिता का निर्माण करने को कहा जिससे कि संसदीय संस्थानों के प्रति लोगों के विश्वास को बहाल किया जा सके और व्यवस्थापिका का सुचारु कामकाज हो सके। उन्होंने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय महत्व के मुद्वों पर राजनीतिक विचारधाराओं से आगे बढ़ कर एक साथ आने की भी अपील की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज यहां उपराष्ट्रपति पद पर एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर पुस्तक-मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्ड-एक ईयर इन ऑफिस‘ का विमोचन करने के बाद श्री एम वेंकैया नायडु ने देश में विधायकों की कार्यप्रणाली के बारे में चिंता जताई। श्री एम वेंकैया नायडु ने पुस्तक को वर्ष भर के दौरान उनके मिशन एवं इसके परिणामों को लेकर लोगों के प्रति इसे एक रिपोर्ट बताया क्योंकि वह पिछले वर्ष 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे।

इस पर जोर देते हुए कि कृषि देश की मूलभूत संस्कृति है, एम वेंकैया नायडु ने संसाधन आवंटन में किसानों को प्राथमिकता देने की अपील की जिससे कि उन्हें लाभदायक कृषि एवं एक मजबूत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने श्री नायडु की एक ऐसे व्यक्ति के रूप में व्याख्या की जो ‘ आम आदमियों के जीवन में सुधार लाने के लक्ष्य के साथ समग्र विजन द्वारा प्रेरित ‘ है। प्रधानमंत्री ने स्मरण किया, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी , एम वेंकैया नायडु को अपने मंत्रीमंडल में शामिल करना चाहते थे, तब श्री नायडु ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का पोर्टफोलियो दिए जाने का आग्रह किया था। श्री मोदी ने नोट किया कि श्री नायडु द्वारा आरंभ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) ग्रामीण सड़कों के महत्व को देखते हुए सांसदों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ था।

श्री नायडु के 50 वर्ष के सार्वजनिक जीवन को उल्लेखित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री नायडु ने उन्हें दी गई किसी भी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए अनुशासन, प्रतिबद्धता और भावना के उच्च मानकों को स्थापित किया है और यही श्री नायडु की सफलता का राज है।

श्री मोदी ने यह भी कहा कि जहां कई लोग श्री नायडु की उनकी ऊर्जा एवं जीवंतता के लिए सराहना करते हैं, वहीं वह खुद यह देख कर आश्चर्यचकित थे कि किस प्रकार श्री नायडु राज्य सभा का संचालन करने के दौरान खुद पर नियंत्रण रखते हैं। श्री नायडु की समयबद्धता और अनुशासन का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जब कभी उन्हें श्री नायडु के साथ यात्रा करनी होती थी तो वह सावधान हो जाया करते थे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि श्री नायडु ने लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान काफी सीखा और दूसरों को भी सिखाया।

पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने इस अवसर पर कहा कि श्री नायडु सदन के सभी वर्गों के हितों की सुरक्षा करते हुए राज्य सभा के संचालन में सर्वश्रेष्ठ तरीके से काम कर रहे हैं।

 पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि, ‘ श्री नायडु के पास विशाल राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव है और उनके कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर यह भली भांति प्रदर्शित हुआ है।‘

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि श्री नायडु के कार्यकाल के प्रथम वर्ष पर पुस्तक एक वृतांत है कि किस प्रकार साधारण वर्ग का कोई व्यक्ति इतनी ऊंचाईयों तक पहंुच सकता है और प्रभावी नेतृत्व दे सकता है।

वित मंत्री अरुण जेटली ने श्री नायडु के साथ अपने 45 वर्ष पुराने संबंध का स्मरण करते हुए कहा कि, ‘ श्री नायडु के साथ सबसे विशिष्ट बात यह है कि वह बिना एक दिन का भी विश्राम किए साल के 365 दिन 24 घंटे कार्य करने वाले व्यक्ति हैं और किसानों के प्रति बहुत अधिक प्रतिबद्ध हैं।‘

राज्य सभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा भी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मंच पर उपस्थित थे। इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।  

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