जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले के आरोपी बापू आसाराम को दोषी करार दिया है। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मुख्य आरोपी आसाराम के अलावा अदालत ने शिल्पी और शरदचंद्र को भी दोषी करार देते हुए 20 -20 साल की सजा सुनाई है।इनके अलावा इस मामले में शिवा और प्रकाश को अदालत ने बरी कर दिया है। उम्रकैद की सजा के बाद आसाराम को जेल के कपड़े दिए गए हैं और अब जेल का ही खाना खाएंगे। आसाराम को जोधपुर सेन्ट्रल जेल की बैरक नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। अब आसाराम को पूरी जिंदगी जेल के की सलाखों के पीछे कैदी नंबर 130 बनकर गुजारनी पड़ेगी। जेल में आसाराम को कैदी नंबर 130 दिया गया है।
सुरक्षा के कारणों से जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर बनी विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने बहुचर्चित नावालिग बलात्कार कांड का अहम फैसला आज सुनाया। गौरतलब है कि उक्त मामले में 1660 दिन आसाराम जेल में बिता चुका हैं जबकि मामले का ट्रायल 1470 दिनों तक चला।
इस मामले में अब तक 12 बार अलग लग अदालतों ने उनकी जमानत याचिका को खारिज किया। इनमें 6 बार ट्रायल कोर्ट, तीन बार हाई कोर्ट और 3 बार सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
इनके लिए 30 से ज्यादा नामी वकीलों ने अदालत में पैरवी की लेकिन जमानत नहीं मिली।
इस मामले का फैसला आने से पूर्व राजस्थान पुलिस को कानून व्यवस्था विगड़ने की आशंका थी । इसलिए पुलिस ने फैसले के।लिए अदालत से जोधपुर जेल में फैसला सुनाने का आग्रह किया था। फैसले से पहले जोधपुर सहित देश के चार राज्यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी।