केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शत-प्रतिशत मालिकाना हक वाले सी- कॉरपोरेशन के गठन को मंजूरी दी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अमेरिका में टेलिकम्यूनिकेशन्स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) के शत-प्रतिशत मालिकाना हक वाले सी-कॉरपोरेशन के गठन को मंजूरी दी है। अमेरिका के टेक्सास राज्य में टेलिकम्यूनिकेशन्स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) के सी-कॉरपोरेशन का गठन किया जाएगा, जिसे अमेरिका के अन्य राज्यों में व्यापार करने के लिए पंजीकरण करने का अधिकार प्राप्त होगा। मतलब साफ है कि अमेरिका में भारतीय कम्पनियाँ टेलिकम्यूनिकेशन्स के क्षेत्र में भी जोरशोर से उतर सकती हैं.
सी-कॉरपोरेशन में टीसीआईएल का 100 प्रतिशत प्रतिभूति निवेश पांच मिलियन अमेरिकी डालर के बराबर होगा। यह धनराशि भारतीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा विनिमय दर 67.68 रूपए के आधार पर कुल 33.84 करोड़ रूपए होगी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
टीसीआईएल की काउंटर गारंटी पांच मिलियन अमेरिकी डालर के बराबर होगी जो ऋण/सुविधा/विक्रेता सहित बोली संबंधी बॉण्ड/अग्रिम/कामकाजी गारंटी इत्यादि के संबंध में है। अमेरिका में परियोजनाओं के संचालन के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक होती है।
सी-कॉरपोरेशन देश के लिए बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जन करेगा और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम टीसीआईएल के लाभ में बढ़ोत्तरी करेगा।
अमेरिका में परियोजनाओं के संचालन के संबंध में सी-कॉरपोरेशन का गठन अमेरिका के टेक्सास राज्य में किया गया है।
नव स्थापित सी-कॉरपोरेशन एक आंकलन के अनुसार आरंभिक वर्षों में लगभग 10 प्रतिशत लाभ कमाएगा और उसका कारोबार 10 मिलियन अमेरिकी डालर होगा। काम के परिमाण के अनुसार उसका कारोबार बढ़ने की संभावना है।
अमेरिका में सी-कॉरपोरेशन के गठन से टीसीआईएल को अपना व्यापार/कारोबार/लाभ का विस्तार करने में सहायता होगी तथा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम होने के नाते सरकार को अधिक लाभांश प्राप्त होगा।
टीसीआईएल अपने अंदरूनी संसाधनों से प्रतिभूति के रूप में कुल पांच मिलियन अमेरिकी डालर का निवेश करेगा। इसके अलावा अमेरिका में व्यापार का विस्तार करने तथा बोली बॉण्ड/अग्रिम भुगतान गारंटी/सरकारी प्राधिकार को कारोबार बैंक गारंटी सुनिश्चित करने के लिए लगभग पांच मिलियन अमेरिकी डालर की काउंटर गारंटी सी-कॉरपोरेशन की तरफ से देनी होगी। इस समय सरकार के ऊपर कोई वित्तीय उत्तरदायित्व नहीं है।
पृष्ठभूमि:-
टीसीआईएल एक अग्रणी आईएसओ- 9001: 2008 और आईएसओ 14001: 2004 प्रमाणित, अनुसूची- ए, मिनी रत्न वर्ग-1, 100 प्रतिशत स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है। इसने दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 70 से अधिक देशो में परियोजनाएं चलाई हैं। यह कंपनी दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और असैन्य संरचना के क्षेत्र में परामर्श प्रदान करती है तथा अवधारणा से पूरा होने तक परियोजना सेवाएं मुहैया कराती है।
कंपनी की समेकित पूंजी 31-03-2017 को 2433.66 करोड़ रूपए थी। कंपनी की अपनी पूंजी 588.92 करोड़ रूपए थी। कंपनी ने 31-03-2017 तक सरकार को कुल 192.99 करोड़ रूपए का लाभांश प्रदान/घोषित किया है।
अमेरिका में उच्च क्षमता ब्रॉडबैंड इंटरनेट और हर शहर में केबल टेलिविजन उपलब्ध कराने के लिए ‘गूगल फाइबर’ कार्यरत है, जो गूगल की ‘फाइबर-टू-दी-प्रेमाइसेस प्रोजेक्ट’ है। मेसर्स गूगल ने अपने तकनीकी साझेदार के तौर पर कुछ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को चुना है। इनमें मेसर्स एरिक्सन, मेसर्स मास्टेक, मेसर्स एटी एंड टी, मेसर्स जोया इत्यादि शामिल हैं। इन कंपनियों ने विभिन्न गतिविधियों के लिए कई अन्य कंपनियों को आगे ठेके दे दिए हैं। मेसर्स टेलीटेक ऐसी ही एक कंपनी है जिसने ऑस्टिन (टेक्सास) और सैन होसे (कैलिफोर्निया) में नेटवर्क लगाने के लिए मेसर्स मास्टेक ओर मेसर्स एरिक्सन के साथ सेवा समझौता किया है। मेसर्स टेलीटेक ने तीन परियोजनाओं के तकनीकी- वाणिज्यिक तथा साजोसामान मुहैया कराने के लिए टीसीआईएल से संपर्क किया है। मेसर्स टेलीटेक ने 13-04-2016 को टीसीआईएल के साथ एक समझौता- ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद 27-05-2016 को एक संयुक्त सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। विदेशी कंपनी होने के नाते टीसीआईएल को सी-कारपोरेशन का गठन करना आवश्यक है, जिसे एक अलग करदाता कंपनी के रूप में मान्य किया जा सके। इस कदम से श्रमशक्ति संसाधन उपलब्ध कराने के लिए टीसीआईएल को एल-1 वीजा प्राप्त करने में सहायता होगी।