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गुड़गाँव, 26 फरवरी। आम आदमी पार्टी गुरूग्राम के जिला अध्यक्ष सूर्यदेव यादव नखरौला, उपाध्यक्ष धीरेंद्र डागर, जिला महिला अध्यक्ष मंजू सांखला एवं पार्टी कार्यकर्ताओं ने आंगनवाड़ी वर्कर्ज एंव हेल्पर्ज यूनियन हरियाणा को समर्थन दिया व उनके साथ
जमीन पर बैठकर उनकी जायज मांगों को नारे लगाकर उठाया। सूर्यदेव यादव ने कहा कि कम वेतन देना भी एक प्रकार का भ्रष्टाचार है। आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये आंदोलन से जन्मी पार्टी है और आंगनवाड़ी वर्कर्ज एंव हेल्पर्ज यूनियन हरियाणा को अपना समर्थन देकर सरकार से सभी मांगो को शीघ्र पूरा करने की मांग करती है। हरियाणा की भाजपा सरकार को यदि थोड़ी सी भी शर्म बची है तो आंगनवाड़ी वर्कर्ज एंव हेल्पर्ज यूनियन हरियाणा की मांगों को तुरन्त पूरा करे वर्ना प्रदेश सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारा भी झूठा है। बहन बेटियों को वेतन और नौकरी पक्की कराने के लिए भी यदि धरना प्रदर्शन करना होगा तो सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा महा झूंठ है। बहन बेटियां की इस भाजपा सरकार को कोई सुध नहीं है।
आंगनवाड़ी वर्कर्ज एंड हेल्पर्ज यूनियन हरियाणा के आह्वान पर आंगनवाड़ी कर्मियों की हड़ताल के आज 8 दिन पूरे हो गये है। प्रतिदिन की भांति ज़िला भर की आंगनवाड़ी कर्मियों ने गुड़गाँव के लघु सचिवालय पर मौजूद रह कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को पूरा सम्मान दिया और अपने साथ लिया। हड़ताली कर्मियों के समर्थन में आज सीआईटीयू के राज्य ज़िला सचिव कामरेड राजेन्द्र सरोहा, कामरेड सतबीर, ज़िला कोषाध्यक्ष मेजर शंकर लाल प्रजापति, सर्व कर्मचारी संघ फारुखनगर के वीरेंद्र सिंह, सीआईटीयू के आईटी ग्रुप के अयन चेटर्जी व बलजीत पूनीया, जनवादी महिला समिति की ज़िला सचिव व राजी की उपाध्यक्ष उषा सरोहा, नखरौला से कविता आदि ने अपनी बात रखी । आम आदमी पार्टी के वक्ताओं ने कहा की हम राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स के खिलाफ अपनाई जा रही नीतियों पर अपना सख्त विरोध दर्ज करते हैं तथा सरकार से अनुरोध करते हैं की आंगनवाड़ी कर्मियों की इन जायज मांगों का समाधान जल्दी से जल्दी करें। 40-40 साल से लगातार सेवा देने के बावजूद सरकार इनको मानदेय दे कर इनका शोषण कर रही है। बढ़ौतरी के नाम पर भी सरकार इनके साथ धेखेबाजी कर रही है। आंगनवाड़ी कर्मियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स को तीसरे एवं हैल्पर्स को चैथे दर्जे का सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। तब तक न्यूनतम वेतन 18000/- रूपये दिया जाए। मानदेय का भुगतान नियमित हो। 14 जून 2017 को विभाग की निदेशिका द्वारा वर्कर्स एवं हैल्पर्स के धरने/प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर रोक लगाने के पत्र को तुरंत निरस्त किया जाए। शहरों में आंगनबाड़ी केन्द्र का किराया 6000 व गांवो में 3000 मासिक हो व नियिमत रूप से किया जाए। गर्मी सर्दीयों की छुट्टियां सरकारी स्कूलों के अनुसार की जाए। राशन की सप्लाई मीनू के हिसाब से व पूरे तौल के अनुसार दी जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में खाना मदर ग्रुप द्वारा ही बनवाया जाए व उनके मेहनताने में वृद्धि हो। आंगनबाड़ी केन्द्रों में सरकार द्वारा हाजिरी सुनिश्चित करवाई जाए। हैल्पर से वर्कर व हैल्पर से सुपरवाईजर पदोन्नति की जाए। हैल्पर की वर्दी का रंग बदला जाए। निजीकरण पर रोक लगे व विभाग के लिए प्रयाप्त बजट का प्रावधान किया जाए। आई. सी. डी. एस. में डिब्बा बंद भोजन व प्रत्यक्ष-सशर्त कैश ट्रान्सफर को लागू करने के कदम पर तुरन्त रोक लगाई जाए। आई सी डी एस का किसी भी प्रकार से निजीकरण ना किया जाए। 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार वर्कर्स को न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।