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एडीसी प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को चेताया
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बनवाएंगे कपड़े के थैले
सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश
गुरूग्राम 10 जनवरी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जि़ला के ग्रामीण क्षेत्रों को गणतंत्र दिवस तक पॉलीथिन मुक्त बनाने के उद्देश्य से गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया ने अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में सभी कार्यालय अध्यक्षों को इस दिशा में तत्परता से काम करने के निर्देश दिए और कहा कि वे जिला को प्लास्टिक व पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए अपने विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से ग्रामीणों को पॉलिथीन से होने वाले नुकसान के बारे में समझाने का विशेष अभियान चलाएं ताकि गणतंत्र दिवस तक गुरुग्राम को पॉलिथीन मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(एनआरएलएम) के अधिकारियों से कहा कि वे अपने विभाग की योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कपड़े के थैले बनवाना सुनिश्चित करें और अधिक से अधिक लोगों को कपड़े या जूट के थैलों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें।
श्री दहिया ने बैठक में उपस्थित ग्राम पंचायतों के सरपंचो को निर्देश देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वे सरकार द्वारा उन्हें उपलब्ध करवाई गई राशि में से सार्वजनिक स्थानों जैसे कि बस-स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौपाल व सरकारी अस्पताल, सरकारी कार्यालयों व स्कूलों के बाहर वॉल पेन्टिंग करवाएं ताकि जिला में अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा सके।
उन्होंने कहा कि जिला गुरुग्राम के चारो खंडो में गांवो के समूहों के 10 क्लस्टर बनाए जाएंगे। इतना ही नही, ग्राम पंचायतों को कहा गया है कि वे अपने गांव को प्लास्टिक व पॉलिथीन मुक्त बनाने और प्रयोग करने वालों को दंडित करने व उन पर जुर्माना लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करें और इस विषय में आम सहमति बनाने का प्रयास करें। इस प्रकार का प्रस्ताव 20 जनवरी तक ग्राम पंचायतें भिजवा देंगी तो बेहतर रहेगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे गांव में इक्_ा किया गया प्लास्टिक या पॉलिथीन का कचरा रिसाईकिलिंग के लिए भिजवाएं। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यं, अध्यापक आंगनवाड़ी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से संपर्क करके स्कूल के बच्चों, आंगनवाड़ी वर्कर, हैल्परों,एनएनएम व आशा वर्कर के माध्यम से रैली निकलवाएं व विशेष अभियान चलाएं। इसके साथ ही वे स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान सभी बच्चों को इस अभियान की जानकारी दें व बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे कभी भी प्लास्टिक व पॉलीथिन का प्रयोग नही करेंगे और ना ही किसी अन्य को करने से रोकेंगे। श्री दहिया ने स्कूल संचालकों को इस बारे में प्रतियोगिताएं आयोजित करवाने तथा प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र व ईनाम देने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक बैग वातावरण को प्रदूषित करते हैं और कई बार भयंकर बिमारियों का कारण भी बनते हैं। प्लास्टिक बैग का मनुष्यों, जीव-जंतु के स्वास्थ्य व पेड़-पौधों आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक बैग नॉन बायोग्रेडेबल होता है अर्थात् ये प्राकृतिक तरीके से विघटित नही होते। ये खेत खलिहान में जहां भी होगा वहां की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। इसके नीचे दबे बीज भी अंकुरित नही हो पाते हैं और भूमि बंजर हो जाती है। इतना ही नही, कई बार खाने पीने योग्य वस्तुओं को पॉली मे बंद करके फैंकने से कई बार पशु इनका सेवन कर लेते है जिसके कारण कई बार पशु भी मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं।
श्री दहिया ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे प्लास्टिक या पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल ना करें और शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने मे अपना योगदान दें। जिला को स्वच्छ बनाए रखने का जितना उत्तरदायित्व जिला प्रशासन का है उतना ही आम नागरिक का भी है। इसलिए यह जरूरी है कि जिला को प्लास्टिक व पॉलिथीन मुक्त बनाने में अपना सहयोग दें और ये प्रण लें कि वे जीवन में ना तो स्वयं पॉलिथीन का प्रयोग करेंगे और ना ही दूसरों को ऐसा करने देंगे। उन्होंने कहा कि आमजन के सहयोग के बिना इस अभियान को पूरा नही किया जा सकता।