आजमगढ़। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में यह कह कर सबको चौंका दिया है कि वह बौद्ध धर्म अपना सकती हैं. अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने से परेशान दलित समाज की नेता ने संविधान निर्माता डॉ. आबेडकर की तरह अपना धर्म बदलने की धमकी देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार दलितों एवं पिछड़ों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भाजपा ने दलितों, मुस्लिमों और दबे-कुचले लोगों को परेशान करना बंद नहीं किया, तो वह अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म की अनुयायी बन जायेंगी.
बसपा नेता आज आजमगढ़ के रानी की सराय स्थित चेकपोस्ट मैदान में आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जातीय संघर्ष करवा कर वोटबैंक की राजनीति कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएग. उन्होंने उम्मीद जताई कि जनता जागरुक हो गई है और निकाय चुनाव में बसपा मजूबत होकर उभरेगी.
मायावती ने सहारनपुर हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने आरोप लगाया कि शब्बीरपुर गांव में सोची-समझी साजिश के तहत भाजपा ने ही दलितों के बीच संघर्ष करा दिया और मेरी हत्या की साजिश की. लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए.
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नए भारत के निर्माण की बात कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. भाजपा से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है.
राज्यसभा से इस्तीफा देने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे राज्यसभा में अपनी बात रख रही थी तो सत्ता पक्ष के लोगों ने शोरगुल किया और उन्हें बोलने नहीं दिया