खास खबर :  न्यू कोट ड्रेन में 20 साल से नहीं आया नहरी पानी

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: जरूरत के समय मेवात की नहरों में नहीं आता पानी

: मेवात का मात्र 40 फीसदी हिस्सा ही नहरी पानी से सिंचाई होता है

: बरसात कम होने, वाटर लेवल गहरा चला जाने और नहरों में समय पर पानी ना आने से किसानों की चिंता बढी

यूनुस अलवी

 
मेवात :    मेवात इलाका कृषि प्रधान है। यहां पर करीब 90 फीसदी लोगों का गुजारा कूषि पर आधारित है। मेवात इलाके में वाटर लेवल 100 से 500 फीट तक गहरा चला जाने की वजह से किसानों को बारिश या नहरी पानी पर ही निर्भर रहना पडता है। अगर किसानों को समय पर नहरी पानी ना मिले तो फसल खराब हो जाती है। मेवात के करीब 35 फीसदी क्षेत्र की नहरी पानी से सिंचाई होती है। बाकी इलाका बरसात या फिर डीजल इंजनो पर ही निर्भर है। समय पर बरसात और नहरी पानी ना आने की वजह से जहां अक्सर फसल बरबाद हो जाती है वहीं फसल की पैदावार 60 फीसदी तक घट जाती है।
    मेवात में बहुत सी ऐसी भी नहर, ड्रेन, माईनर और रजवाहे हैं जिनमें बीस-बीस साल से पानी तक नहीं आया है। खासतौर से पुन्हाना की न्यू कोट ड्रेन, नगीना खंड की बनारसी माईनर आदि ऐसे नहरे हैं जिनमें करीब 20 साल से पानी नहीं आया है। इन नहर और रजवाहों में पानी ना आने से किसान भारी परेशान हैं। मेवात छोडकर अन्य इलाकों में किसान एक साल में तीन से चार फसल उगा लेते हैं लेकिन मेवात की नहरों में पानी ना आने, बरसात कम होने और वाटर लेवल गहरा चला जाने की वजह से एक-दो फसल की उगा पाते हैं। जिसकी वजह से मेवात के किसानों का सही तरीके से गुजर-बसर सही माईने में नहीं हो पाता है। नहरों की काफी समय से सफाई भी नहीं कराई जा सकी है।
   किसान तौशीफ खान ने बताया कि आगरा कैनाल की से कोट, बहीन, बीसरू, गुबराडी सहित दो दर्जन गावों से न्यू कोट ड्रेन निकलती है। जिसमें करीब 20 साल से पानी नहीं आया है। उन्होने कहना है कि जब अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं तो जवाब मिलता है कि आगरा कैनाल उत्तर प्रदेश के अधीन है जिसे उत्तर प्रदेश की मंजूरी के बाद ही शुरू किया जा सकता है। उन्होने मांग करते हुऐ कहा कि उनकी न्यू कोर्ट ड्रेन को शाहचौखा के पास से गुजरने वाली गुडगाव कैनाल से जोडा जाऐ।
  वहीं जुबेर, मोहम्मद खान किसानों का कहना है कि न्यू कोट ड्रेन में पानी ना आने की वजह से उनके खेतों की सिंचाई का खर्चा दस गुणा बढ जाता है। किसानों का कहना है कि बंद नहर का भी वे आबयाना देते हैं। बिना पानी के फसल सूख जाती है। डीजल इंजन से खेतों की सिंचाई करना बहुत मंहगा पडता है। किसानों का कहना है कि मेवात की नहरों में कभी समय पर पानी नही आता है। फिलहाल गेहूं की बिजाई का समय चल रहा है लेकिन मेवात की नहरें पानी से खाली हैं।
 

क्या कहते है विधायक ? 

 
पुन्हाना से विधायक रहीश खान का कहना है कि पुन्हाना और आसपास की नहर, नालों और रजवाहों पानी नहीं आ रहा है उनके बारे में तीन दिन पहले ही सिंचाई विभाग के चीफ ने पुन्हाना में जनता दरबार लगाया है। ये सारी समस्या उनके सामने रखी हैं। विधायक ने कहा जल्द ही सभी नहर और नालों में पानी छोडा जाऐगा।

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