राव नरबीर ने छह पार्षदों को भाजपा में शामिल करवा कर शीतल बागड़ी की दावेदारी मजबूत की

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पीडब्ल्यू डी मंत्री ने शक्ति प्रदर्शन कर पहला मजबूत पासा फेंका 

नरबीर गुट में 12  पार्षद होने का दावा , अगले दो दिनों में और हो सकते हैं शामिल 

भाजपा व संघ का साथ भी मिलने के संकेत , सीएम मनोहर लाल की भी मौन स्वीकृति  

 

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

राव नरबीर ने छह पार्षदों को भाजपा में शामिल करवा कर शीतल बागड़ी की दावेदारी मजबूत की 2गुरुग्राम : गुरुग्राम नगर निगम चुनाव से पूर्व शुरू हुए शह मात के खेल की अगली कड़ी आज देखने को  तब मिली जब प्रदेश के केबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की अगुवाई में नव निर्वाचित छह निर्दलीय पार्षदों ने भाजपा का दामन थामा. हरियाणा भाजपा के प्रदेश महासचिव संदीप जोशी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होने वाले छह पार्षदों में वार्ड 10 से शीतल बागड़ी , 21 से धरमबीर, 24 से सुनील, 26 से प्रेमलता, 27 से सुदेश रानी और वार्ड 30 से महेश दायमा हैं. इसके साथ ही नरबीर गुट अब मजबूती के साथ मेयर की दावेदारी पेश करने की स्थिति में आ गया है. उनके समर्थक पार्षदों की संख्या एक दर्जन तक पहुँच गयी है जिसे और बढाने की कोशिश जारी है.

बताया जाता है कि इससे पूर्व केबिनेट मंत्री राव  नरबीर की अध्यक्षता में उनके निवास पर सभी पार्षदों की बैठक हुई जिसमें आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया. मेयर के चुनाव को लेकर अभी कुछ खुलासा नहीं किया गया लेकिन समझा जाता है कि राव नरबीर अब अपने समर्थक पार्षदों की जमात बढाने की जुगत में जुटेंगे और अगले एक दो दिनों में और पार्षद इनके पाले में आ सकते है क्योंकि वार्ड 12 से एक निर्दलीय पार्षद नवीन दहिया ने राव इन्द्रजीत के पाले से बाहर आकर स्वयं को गुटनिर्पेक्ष घोषित कर दिया है. संकेत है कि उनका झुकाव राव नरबीर की ओर है लेकिन यह अगले दो दिनों में बनने वाले हवा के रुख पर निर्भर करेगा. आज के इस शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम से तो यह स्पष्ट हो गया है कि उनके साथ 11 पार्षद हैं और अगर नवीन दहिया ने राव नरबीर का साथ दे दिया तो यह संख्या 12 में आसानी से तब्दील हो जायेगी. इससे इनके गुट की राह आसान हो सकती है. 

अब तक यह चर्चा चल रही थी कि राव नरबीर मेयर के प्रत्याशी के रूप में वार्ड न. 1 से निर्वाचित निर्दलीय मिथिलेश कुमारी को आगे बढाने की कोशिश में हैं. लेकिन आज भाजपा में शामिल होने वालों में उसका नाम शामिल नहीं है. इस घटनाक्रम से यह  भी स्पष्ट हो गया है कि पी डब्ल्यू डी मंत्री की सूचि में उसे प्राथमिकता नहीं मिली है. संभव है कि मिथिलेश का नाम वार्ड 10 की नव निर्वाचित पार्षद शीतल बागड़ी की इस पद की दावेदारी को कमजोर करने के लिए उनके विरोधी गुट इसे चर्चा में ला रहे हों . आज की इस घटना से एक तरफ शीतल बागड़ी को बड़ी राहत मिली है जबकि यह भी साफ़ हो गया है की राव नरबीर अब इन छह पार्षदों को भाजपा में शामिल कराने के बाद शीतल बागड़ी को ही मेयर पद की प्रतिस्पर्धा में आगे करेंगे. 

संकेत है कि राव नरबीर गुरुग्राम नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद से चार दिनों में लागातर दो बार चंडीगढ़ की यात्रा कर चुके हैं. इस यात्रा में उनके साथ सोहना के विधायक तेज पाल तंवर भी रहे हैं. चंडीगढ़ के सूत्र बताते हैं कि दोनों ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से गुफ्तगू की है साथ ही पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से भी विचार विमर्श किया है. कहा जा रहा है कि संघ के बड़े पदाधिकारियों ने भी राव नरबीर को इस दिशा में कदम आगे बढाने की हामी दे दी है.  कारन स्पष्ट है कि गुरुग्राम के सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत के विद्रोही तेवर से न तो भाजपा खुश है और  न ही संघ परिवार के लोग. वैसे भी दोनों ही संगठनों के प्रमुखों को इससे पूर्व टिकट बंटवारे में राव इन्द्रजीत ने गुरुग्राम के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल को साथ लेकर पटखनी दे दी थी. इसलिए इस बार भाजपा सगठन के पदाधिकारी और संघ के कर्ताधर्ता बड़े सतर्क हैं और इस कोशिश में जुटे हैं कि मेयर कोई भी बन जाए लेकिन राव इन्द्रजीत गुट का नहीं बने. सी एम् मनोहर लाल और केन्द्रीय मंत्री के बीच की ट्यूनिंग अच्छी नहीं है जबकि राव नरबीर मुख्यमंत्री के भक्त तो हैं ही साथ ही भजपा व संघ के प्रति भी नतमस्तक रहते हैं . इसलिए कहा जा रहा है कि सीएम का आशिर्वाद राव नरबीर गुट के साथ है साथ ही पार्टी व संघ ने भी इस परिस्थिति में इनका ही साथ देने का मन बना लिया है.  स्थानीय विधायक उमेश अग्रवाल इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में मौन हैं. बताया जाता है कि वार्ड 11 से दूसरी वार जीत कार आये योंगेंद्र सारवान उनके एक मात्र समर्थक हैं जिनका पाला सरकार के रुख के साथ सेकंड में बदल सकता है. इसलिए इस पूरे खेल में गुरुग्राम विधायक टिकट बंटवारे के समय से ही राव इन्द्रजीत के साथ दिख तो रहे हैं लेकिन खाली हाथ क्योंकि उनके कहने में शायद ही कोई इस बार अपना सिर कटवाए. 

भाजपा के सूत्र बताते हैं कि इस रास्ते में अगर कोई रोड़ा है तो वह राव इन्द्रजीत की ओर से फेंका गया वह पत्ता जिसमें उन्होंने शुरू में ही यह कह दिया है कि मेयर भाजपा के टिकट पर चुन कर आई पार्षद को ही बनाया जाए. अब अगर इस बंधन या स्वतः स्फूर्त शर्त को कोई तोड़ सकता है तो वह भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बराला या फिर प्रदेश प्रभारी डॉ अनिल जैन. माना जा रहा है कि दोनों को इस बात के लिए मनाने की जिम्मेदारी अगर संघ और सीएम ने उठा ली तो राव नरबीर के लिए राहें आसान हो जायेंगी जबकि राव इन्द्रजीत के फेंके गए पासे पलट सकते हैं. इससे मेयर की एकमेव दावेदार के रूप में प्रस्तुत मधु आजाद को शीतल बागड़ी मजबूत चुनौती देने की स्थिति में आ जायेंगी.

जहाँ तक संख्या बल की बात है अब नरबीर गुट भी इन्द्रजीत गुट से कम नहीं है. कहा यह जा रहा था कि राव इन्द्रजीत के पास सर्वाधिक पार्षद हैं लेकिन आज के परिदृश्य से संकेत मिलता है कि भाजपा की टिकट पर जीत कर आये पार्षदों 14 में से पांच राव नरबीर के साथ हैं जबकि छह ने आज भाजपा में शामिल होकर उन्हें और मजबूत कर दिया. वार्ड 12 से नवीन दहिया भी इनके साथ यानी सरकार का रुख देख कर इन्हें समर्थन दे सकते हैं. संभावना है कि अभी कम से कम चार पार्षद राव नरबीर के संपर्क में हैं और अगले दो दिनों में उन्हें भी कमल का फूल थमाने में इन्हें सफलता मिल सकती है. फिर अगर सांसद राव इन्द्रजीत ने मेयर का चुनाव पार्षदों के मतविभाजन से कराने पर भी जोर डाला तो उनके गुट को पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है.  ऐसी स्थिति में शीतल बागड़ी जो एस सी महिला होने के बावजूद अपने ससुर एवं पूर्व पार्षद मंगत राम बागड़ी की तरह ही सामान्य सीट से विजयी होकर आई है को मेयर पद को शुशोभित करने का ऐतिहासिक मौका मिला सकता है. 

यह घड़ी गुरुग्राम नगर निगम के वार्ड 10 के लोगों के लिए भी ऐतिहासिक एवं यादगार होगा जबकि गुरुग्राम महिला मेयर निर्वाचित करने का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत कर सकेगा.   

भाजपा के एक बड़े नेता का कहना है कि पार्टी में इस बात पर अंतर्द्वन्द्व जारी है कि केन्द्रीय मंत्री जो भाजपा के लिए अक्सर चुनौती पेश करते रहे हैं को आखिर किस कदर संगठन की मजबूती व उपस्थिति का एहसास कराया जाए ?  उनकी ओर से न तो संघ के अस्तित्व को स्वीकृति मिलती है और न ही भाजपा संगठन के प्रति उनका समर्पण है. ऐसे में आने वाले 2018-2019 के लोक सभा या फिर विधान सभा चुनाव में उनका क्या रुख रहेगा इसको लेकर दोनों पशोपेश में हैं. पार्टी के नेताओं को लगता है कि अगर मेयर के चुनाव में राव इन्द्रजीत की बादशाहत बरकरार रही तो फिर आने वाले समय में गुरुग्राम ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण हरियाणा में यह संकेत जाएगा कि यहाँ तो राव इन्द्रजीत ही भाजपा है और भाजपा , राव इन्द्रजीत है. इसलिए पार्टी के अधिकतर लोग इस बार इस मिथक को तोड़ना चाहते हैं जिसका सीधा फायदा राव नरबीर को मिलता दिख रहा है. यदि इसमें सफलता मिली तो शीतल बागड़ी आगामी 8 अक्टूबर के बाद मेयर पद पर आसीन दिखाई देंगी क्योंकि इस सम्बन्ध में 8 अक्टूबर को ही मंथन के लिए बैठाक बुलाये जाने की खबर है. 

सामान्य सीट से जीत कर आई शीतल बागड़ी का प्रभाव एस सी के साथ सामान्य जाति के वोटरों पर होना भी सिद्ध हुआ है. यह कहानी पहले भी इनके ससुर मंगत राम बागड़ी तब स्थापित कर चुके हैं जब भाजपा गुरुग्राम में बेहद कमजोर स्थिति में थी और पार्टी टिकट पर इसी सामान्य सीट से जीत कर पार्षद बने थे और पांच साल तक निगम के सदन में भाजपा पार्षद दल के नेता के रूप में बेहद सक्रिय रहे . इसलिए पार्टी और संघ शीतल बागड़ी को मेयर बना कर एक तीर से दो शिकार करना चाहते हैं. यानी सामान्य सीट से विजयी एस सी महिला को मेयर बनाने से दलित समाज और सामान्य श्रेणी दोनों को राजनीतिक रूप से खुश किया जाना संभव हो सकेगा.

सेक्टर 10 स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश महा सचिव संदीप जोशी के अलावा राव नरबीर समर्थकों की उपस्थिति ही सर्वाधिक थी. इनमें हरियाणा डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष जी एल शर्मा, वार्ड 2 से नव निर्वाचित पार्षद शकुंतला यादव, 13 से ब्रह्म यादव, 18 से सुभाष सिंगला, 25  से सुभाष फौजी एवं वार्ड 29 से पार्षद कुलदीप यादव के अलावा गुरुग्राम जिला भाजपा महासचिव मनोज शर्मा, अरविन्द कोहली, परीक्षित भारद्वाज, जिला भाजपा कार्यालय प्रभारी याद राम जोया, मिडिया प्रभारी जीतेन्द्र एवं भाजपा अर्जुन मंडल के अध्यक्ष महेश वशिष्ठ एवं भाजपा से निष्कासित वार्ड 10 के पूर्व पार्षद मंगत राम बागड़ी मौजूद रहे.  

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