हरियाणा सरकार ने आरसीएस उड़ानें शुरू करने के लिए एयरलाइंस आपरेटरों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की

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चंडीगढ़, 4 सितंबर:  हिसार हवाई अड्डे को तीन चरणों में एक समेकित उड्डïयन हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्घ हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आरसीएस उड़ानें शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस)-उड़ान के तहत एयरलाइंस या आपरेटरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। 
 
नागरिक उड्डïयन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा एक सप्ताह में तीन उड़ान भरने और 18 से 20 सीटों वाले एयरक्राफ्ट में केंद्र सरकार द्वारा 9 सीटों के पूर्वानुमान पर आरसीएस सीटों पर उपलब्ध करवाए जा रहे व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के अतिरिक्त शेष 50 प्रतिशत सीटों पर वीजीएफ उपलब्ध करवाई जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, राज्य सरकार के श्रेणी-2 और इससे ऊपर की श्रेणी के कर्मचारियों को सरकारी कार्यों और एलटीसी के लिए हरियाणा से उड़ान भरने वाली  आरसीएस फ्लाइट्स की सुविधा लेने की अनुमति होगी। राज्य सरकार और इच्छुक पार्टियों के बीच आपसी विचार-विमर्श के साथ भारतीय हवाई अड््डा प्राधिकरण की तर्ज पर पार्किंग एवं लैंडिग शुल्कों को तर्कसंगत बनाया जाएगा।
 
यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में एयरलाइंस को आरसीएस फ्लाइट्स शुरू करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डïयन मंत्रालय के साथ किए गए उड़ान समझौते के वायदों के अतिरिक्त अन्य प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। 
 
प्रथम चरण में, आरसीएस- उड़ान के तहत वर्तमान हिसार हवाई अड्डे का दर्जा बढ़ाकर उसे घरेलू हवाई अड्डों के रूप में विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में, आगामी 18 से 24 महीनों की अवधि के अंदर वर्तमान 4000 फुट की हवाई पट्टी को  बढ़ाकर 9000 फुट का किया जाएगा जहां फिक्सड बेस्ड ऑपरेशनस के लिए एयरलाइनंस तथा ऑपरेट्र्स की सुविधा हेतु अत्याधुनिक नेवीगेशनल सहायता, एमआरओ एयरक्राफ्ट्स की नाइट लैंडिंग और पार्किंग जैसी सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि अंतिम चरण में, एरोट्रोपोलिस विकसित किया जाएगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ एरोस्पेस और प्रतिरक्षा विनिर्माण सुविधा तथा वाणिज्य एवं रिहायशी क्षेत्र होगा।

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