पटना : बिहार में शहाबुद्दीन प्रकरण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. भाजपा और सत्ताधारी जेडीयू व राजद के बीच वाक युद्ध जरी है. भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को मो. शहाबुद्दीन प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 10 सवाल पूछे हैं। श्री मोदी ने कहा है कि श्री कुमार ‘मनमोहन सिंह’ बनने और अपने प्रवक्ताओं से अपशब्द बोलवाने के बजाय इन सवालों का स्वयं ही तथ्यात्मक जवाब दें। उन्होंने पूछा है कि
1. सोमवार को मो. शहाबुद्दीन की बेल की पैरवी सुप्रीम कोर्ट में राजद सांसद राम जेठमलानी करेंगे, क्या मुख्यमंत्री उनके मुकाबले के लिए सरकार की ओर से देश के सर्वश्रेष्ठ वकीलों के पैनल की सेवा लेंगे?
2. क्या सरकार शहाबुद्दीन के तमाम मामलों की मानिटरिंग सुप्रीम कोर्ट से कराने के लिए तैयार है?
3. क्या सरकार शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर रखने व उसके सभी मामलों की सुनवाई बिहार से बाहर कराने के लिए तैयार है?
4. कई संगीन मामलों में सजायफ्ता मो. शहाबुद्दीन जैसे आपराधिक रिकार्ड वाले को सरकार के सहयोगी राजद से निष्कासित कराने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने ‘बड़े भाई’ पर अब तक कोई दबाव क्यों नहीं बनाया?
5. तीन वर्षों से शहाबुद्दीन से जुड़े सभी मामलों की बंद ट्रायल को चालू कराने के लिए सरकार ने अब तक क्यों नहीं प्रयास किया?
6. तेजाब कांड में गिरिश राज और सतीश राज की हत्या के आरोप में सजायफ्ता मो. शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से मिली बेल को छह महीना बाद भी सरकार ने चुनौती क्यों नहीं दी?
7. राजीव रौशन हत्याकांड में कोर्ट के आदेश के बावजूद छह महीना बाद भी ट्रायल प्रारंभ क्यों नहीं हुई जिसके परिणामस्वरूप शहाबुद्दीन को बेल मिली?
8. शहाबुद्दीन को बेल मिलने के 8 दिन बाद भी सरकार प्रशांत भूषण के सुप्रीम कोर्ट में जाने का इंतजार क्यों करती रही?
9. शहाबुद्दीन से जेल में मिलने वाले मंत्री अब्दुल गफूर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
10. शहाबुद्दीन को जेल से निकलने के बाद भागलपुर से सीवान तक ‘आतंक का जुलूस’ निकालने से क्यों नहीं रोका गया?