नई दिल्ली : एक तरफ देश अपने रक्षा मामलों में मजबूती चाहता है जबकि कांग्रेस पार्टी को राफेल लड़ाकू विमान सौदे में खामियां दिख रही है. पार्टी ने इस सौदे पर कई सवाल खड़े करते हुए शनिवार को कहा कि करार में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कोई प्रावधान नहीं होना भारत को काफी महंगा पड़ सकता है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने फ्रांस के साथ किए गए समझौते को सार्वजनिक किए जाने की भी मांग की है. उन्होंने आश्चर्य जताया कि जब 126 विमानों को ख़रीदा जाना था तब सिर्फ 36 विमान ही क्यों हासिल किए जा रहे हैं। इससे चीन तथा पाकिस्तान के संबंध में खाई को किस प्रकार पाटना संभव हो पायेगा.
कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी के साथ संवाददाता सम्मेलन में एंटनी ने अफसोस जताया कि मूल करार में ‘मेक इन इंडिया’ की बात कि गयी थी लेकिन अब मौजूदा सौदे में यह हटा दिया गया है.
राफेल सौदे में कांग्रेस को खोट दिखा !
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