16 नए विधेयक पेश करने व पारित कराने की चुनौती
लोक सभा में 8 बिल जबकि राज्यसभा में 10 बिल पेंडिंग
विपक्ष व सत्तापक्ष के बीच तनातनी बढ़ने के आसार
सुभाष चौधरी /प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली : संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की आशंका है. इस सत्र में गौ रक्षकों से जुड़ी घटनाएँ , अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला , जम्मू कश्मीर में तनाव की स्थिति, डोकलाम में चीन के साथ विवाद एवं दार्जिलिंग में अशांति के साथ पश्चिम बंगाल के कुछ जिले में साप्रदायिक हिंसा सहित कई ज्वलंत मुद्दे ही छाये रहेंगे. हालाँकि रविवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने सर्वदालिया बैठक बुलाई और सभी दलों से सहयोग की अपील की लेकिन कांग्रेस, वामदल, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. विपक्ष सभी मुद्दों पर चर्चा कराने की माँगा करेंगे जबकि सरकार के पास 16 नए विधेयक पेश करने व पारित कराने की चुनौती रहेगी. इसके अलावा लोक सभा में 8 बिल पेंडिंग हैं जबकि राज्यसभा में 10 बिल पेंडिंग हैं.
संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से जारी विग्यप्ति में कहा गया है कि संसद के मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश किये जायेंगे. सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि नियमों के अनुरूप सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने में कोई कठिनाई नहीं है. मंत्रालय की ओर जारी सूचि के अनुसार इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे और कई विधेयक चर्चा के बाद पारित कराने की भी कोशिश होगी.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कह चुके हैं कि पार्टी सुरक्षा के मुद्दों खासकर कश्मीर, किसानों, गौरक्षकों के हमलों, चीन के साथ सीमा विवाद को मानसून सत्र में उठाएगी. इससे स्पष्ट है कि सरकार व विपक्ष के बीच तकरार बढ़ेगी.
जारी सूचि के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा में 16 नए विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें जम्मू एवं कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक और नागरिकता संशोधन विधेयक शामिल हैं. इन विधेयकों में जीएसटी से जुड़े विधेयक प्रमुख है. जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू करने से संबंधित दो विधेयक के अलावा पंजाब नगर निगम कानून (चंडीगढ़ तक विस्तारित) संशोधन विधेयक-2017 भी पेश किया जाएगा, जिसमें चंडीगढ़ नगर निगम को मनोरंजन और क्रीड़ा पर जीएसटी के तहत कर लगाने का अधिकार दिए जाने का प्रावधान है.
इसके अलावा एफआर डी आई बिल 2017, आई आई पी ई बिल 2017, उपभोक्ता बिल 2017, एनाइए संशोधन बिल 2017 , बाल अधिकार निःशुल्क शिक्षा संशोधन बिल 20 17 एवं नेशनल स्पोर्ट्स युनिवेर्सिटी बिल 2017 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी संसद में पेश होंगे जिन पर चर्चा के बाद पारित कराने की कोशिश होगी.
रविवार को हुई सर्वदलीय बठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई मुद्दें उठाए सभी राजनीतिक दलों ने संसद की कार्यवाही को बिना किसी बाधा के चलाए जाने पर सहमति व्यक्त की। संसदीय कार्य केन्द्रीय मंत्री अनन्त कुमार ने बाद में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने सभी दलों, विशेष कर विपक्ष से अनुरोध किया है कि वह संसद की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सहयोग करें।
मंत्री ने यह सूचित किया कि सभी राजनीतिक दल मानसून सत्र की व्यवधान रहित कर्यवाही के पक्ष में है। उन्होनें यह भी कहा कि सरकार नियमों के तहत किसी भी विषय पर संसद में विचार-विमर्श के लिए तैयार है। श्री कुमार ने सूचित किया कि संसद का मानसून सत्र सोमवार 17 जुलाई, 2017 से आरम्भ होगा और शुक्रवार 11 अगस्त, 2017 को समाप्त होगा। श्री अनन्त कुमार ने बताया कि इस दौरान कुल 19 बैठके होंगी 26 दिनों की कार्यावधि में चार प्राईवेट मेंमबर्स दिवस होंगे। लोक सभा में 21 बिल और राज्य सभा में 42 बिल बकाया है।