सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद समाप्त : मनोहर लाल

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22 नवनियुक्त सुशासन सहयोगियों को सीएम ने किया संबोधित 

सीएमजीजीए द्वारा संग्रहित ‘ईयर बुक’  का भी किया विमोचन

चण्डीगढ़, 1 जुलाई :  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पिछली सरकार के दौरान सरकारी नौकरियां प्रदान करने में फैले भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर अकुंश लगाने में सफलता हासिल की है तथा टैक्नोलोजी का उपयोग करके लोगों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित किया है। 
मनोहर लाल आज यहां 22 नवनियुक्त मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों (सीएमजीजीए) को सम्बोंधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों की सेवा करने के इरादे से कार्य कर रही है। 
 
राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों का निम्न स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में और उसके बारे में प्रमाणित फीडबैक प्रदान करने में सरकार की सहायता करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष सीएमजीजीए कार्यक्रम आरम्भ किया। मुख्यमंत्री के नये सुशासन सहयोगी 16 जुलाई को अपने-अपने जिलों में ज्वाइन करेंगे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिफारिश प्रणाली को समाप्त करके भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। परंतु इस दिशा में और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इससे पूर्व नियुक्ति एवं स्थानांतरण करवाने के लिए अध्यापकों को चक्कर लगाने पड़ते थे, परंतु हमने अध्यापकों को उनकी पसंद का स्टेशन प्रदान करने के लिए एक पारदर्शी आनलाइन टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी लागू की है।  
 
नवनियुक्त सीएमजीजीए को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों और सरकार के बीच के अंतर को पाटने के लिए कार्य कर रही है तथा इस दिशा में अनेक योजनाओं और कार्यक्रम लागू किये हैं। उन्होंने कहा कि वे उनको आवंटित जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, उप-मण्डल मजिस्ट्रेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से तालमेल कर कार्य करें और प्रदेश के चहुंमुखी विकास और लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की सहायता करें। एक तरफ मुख्यमंत्री  ने उन्हे चुनौतियों के लिए तैयार रहने के लिए कहा, क्योंकि उन्हें प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्य करना पड़ेगा। दूसरी तरफ, उन्होंने उनसे अपनी प्रतिभा और क्षमता का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया ताकि लोगों को महसूस हो सके कि सरकार उनके हित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी अनेक अन्य राज्यों ने बेहतर प्रशासनिक कार्यों के लिए सीएमजीजीए की इसी तरह नियुक्ति की थी। हरियाणा सरकार द्वारा लागू सीएमजीजीए कार्यक्रम और अधिक सफल रहा है। 
 
इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने एक वर्ष पूरा करने वाले इतने ही मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों को प्रमाण-पत्र दिए। इसके अतिरिक्त विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पांच सीएमजीजीए और समग्र प्रदर्शन के लिए तीन अन्य सहयोगियों को भी प्रमाण-पत्र भी दिए गए। उन्होंने सीएमजीजीए द्वारा संग्रहित ‘ईयर बुक’  का भी विमोचन किया। 
 
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष सीएमजीजीए के महत्वपूर्ण केन्द्रित क्षेत्रों में ईज आफ डूईंग बिजनेस तथा नागरिक सेवाएं प्रदान करना होगा। 
 
उन्होंने कहा कि अगले आठ से दस महीनों में सभी विभागों की सेवाएं ऑनलाइन करने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि लोग अपने घर बैठे विभिन्न सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों की लगभग 350 सेवाओं की पहचान की गई है और इन सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि 10 या 11 विभागों की सेवाएं इस वर्ष पहली नवम्बर या 25 दिसम्बर तक शत-प्रतिशत ऑनलाइन हो जाएंगी। 
 
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर  विनीत गुप्ता, जो सीएमजीजीए कार्यक्रम के लिए राज्य के नॉलेज पार्टनर हैं, ने इस अनूठे कार्यक्रम से यूनिवर्सिटी को जोडऩे के लिए अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य सरकार को विश्वास दिलाया कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी तहदिल से इस कार्यक्रम का समर्थन करता रहेगा।
 
इससे पूर्व परिवहन, पुलिस, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण जल संग्रहण, आवारा पशु प्रबन्धन, सीएम विंडो और खेलों जैसे क्षेत्रों में पिछले वर्ष के दौरान सीएमजीजीएज द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डालने के लिए एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। बैठक में आवार पशुओं के कारण होने वाली सडक़ों को रोकने के दृष्टिगत आवारा पशु प्रबन्धन के लिए सीएमजीजीएज की सहायता से एक कार्य योजना तैयार की गई है। जिला फतेहाबाद, नूंह और यमुनानगर पहले ही आवारा पशुओं के प्रकोप से मुक्त हो चुकें हैं। 15 अगस्त, 2017 को हरियाणा आवारा पशु मुक्त राज्य बन जाएगा
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बैठक में यह भी बताया कि सीएम विंडो पर जिला स्तर की गंभीर समस्यों को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण शिकायत टै्रकर्स  आरम्भ किये गए हैं। लगभग 397 महत्वपूर्ण समस्यों की पहचान की गई है, जिनमें से 159 शिकायतें सीएम सैल द्वारा ली गई और 135 शिकायतों का निपटान किया गया है। बैठक में बताया गया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और परिवहन विभाग में प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए प्रदेश के सभी रिजनल लाईसैंसिंग ऑथोरिटिज और रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटिज में स्टैंडर्ड ऑप्ररेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त, फीस अदायगी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम आरम्भ किया गया है। इस प्रकार से एजेन्ट और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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