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: ईद की तैयारी में लोगों ने रेडीमेट कपड़े, जूते , इत्र आदि सामान खरीदे
: रमजान के महिने में एक रूपये खर्च करने पर 70 गुणा सवाब मिलता है
यूनुस अलवी
मेवात: मुसलमानों के सबसे बडे त्योंहार मीठी ईद यानि ईद-उल-फितर में करीब दस दिन ही शेष बचे हैं। इसी वजह से मेवात के बाजारों में ईद की रोनक अभी से नजर आ रही है। ग्राहकों से बाजार अटें पडे, लोग खरीददारी भी जमकर कर रहे हैं, लोगों की खरीददारी से दुकानदार भी खुश। जहां कुछ लोग महंगाई की वजह से कम खरीददारी कर रहे हैं वहीं अधिक्तर लोग अल्लाह का हुकम और एक के बदले 70 गुणा सवाब यानि पुण्य मिलने की वजह से जमकर खरीददारी कर रहें है। लोगों का मानना है कि खरीददारी तो करनी ही है चाहे मंहगाई ही क्यों न हो। कई का कहना है कि रमजान के महिने में रूपये खर्च करने पर ज्यादा सवाब मिलता है। ईद की तैयारी को लेकर लोगों ने ज्यादातर रेडीमेट कपडे, जूता, चप्पल के अलावा इत्र की जमकर खरीददारी की। लोंगो ने रोज इफ्तार और शहरी का सामान फल और खजूर भी खरीदे।
ईद के मौके पर अपने बच्चें को रेडीमट कपडे खरीदने आये आमीन का कहना है कि महंगाई की वजह से बच्चों के लिये ईद का समान खरीदना मुश्किल हो रहा है। ईद की वजह से दुकानदारों ने सामानों पर महंगाई कर दी है जिसकी वजह से एक का सामान तीन में मिल रहा है। आखिर करें तो क्या करें ईद जो है, बच्चों को सामान तो खरीदना ही है।
बाजार में ईद का समान खरीदने आये इसराईल, याकूब और जमशेद का कहना है कि ईद के मौके प
र मंहगाई नहीं देखी जाती है, आलिमों का कहना है कि रमजान माह में जितना खर्च करोगे उसका 70 गुणा सवाब मिलता है। इस लिये उन्होने तो खुब जमकर खरीददारी की है। इत्र खरीद रहे मोलाना जमील का कहना है कि नये कपडे पहनना और इत्र लगा कर ईद की नमाज पढने का बहुत सवाब है। इसी वजह से रमजान माह में इत्र का लोग ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
रमजान माह में ईद के मौके पर मंहगाई को मात देकर जमकर हो रही खरीददारी से दुकानदार भी बेहद खुश है। वे तो यही दुआ कर रहे हैं कि ईद हर रोज आये और उनकी ऐसी ही बिक्री होती रहे। दुकानदार सोनू शर्मा, हरी सिंगला का कहना है कि बाजार में मंहगाई तो है लेकि
न मंहगाई पर ईद हावी हो गई है, इसी वजह से लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस्ताम धर्म में रमजान माह में रखे जाने वाले रोजों की बडी अहमियत है। रमजान के महिने में लोग 29 या 30 रोजे रखते हैं। यानि कि चांद देखने पर रोजा रखा जाता है और चांद देखने पर ही ईद मनाई जाती है।