शिवपुराण कथा का छठा दिन :
नकारत्मक ऊर्जा के लिए करें नमक व कपूर का प्रयोग
रजिया पाराशर
फरीदाबाद/तिगांव : आज का मानव पाठ-पूजाा जप, तप,यज्ञ, हवन आदि अनुष्ठान गृह मंदिर व नगर मंदिर में अन्य तीर्थ स्थान आदि पर करता है,परंतु उसके द्वारा कई बार किया गया पूजन निष्फल हो जाता है. उसको फल न मिलने से उसकी समस्या का समाधान न होने से मानव ग्रह की चाल में फंस जाता है। इसीलिए मानव को चाहिए कि विधिवत क्रम से पूजा-अर्चना करें ताकि उसके द्वारा किए गए क्रम का उसको बेहतर फल प्राप्त हो सके। यह बातें मंहत राधेश्याम व्यास ने कुराली मोड़ के नजदीक चल रही श्री शिवपुराण कथा के दौरान छठे दिन श्रृद्वालओं से कहीं।
मंहत जी ने शिव भक्तों को बताया वे किस प्रकार भगवान की पूजा करें ताकि उसको पूर्ण फल की प्राप्ति हो सके। सबसे पहले मानव को अपना शरीर भगवान की पूजा-अर्चना के लिए तैयार करना चाहिए. इसमें उसको प्रातः काल ब्रह्म मुर्हुत में उठकर पहले अपने दोनों हाथों का दर्शन करना चाहिए,जिसके बाद पृथ्वी पर सीधा पैर रखने से पहले प्रणाम करना चाहिए। इसके बाद हुए अपने घर में बड़े बुर्जुगों को पैर छूकर नित्य क्रम कर ताबें के पात्र से भगवान सूर्य नारायण को अक्र देनकर कम से कम 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इन सभी क्रियाओं को करने वाला व्यक्ति ही मनुष्य धर्म-कर्मकरने योज्य बनता है। मंहत राधेश्याम ने उपस्थित शिवभक्तों को बताया कि उनको अपने घर में अपने बने मंदिर में लाल कपड़ा बिछाकर उनके ऊपर अपने इष्ट व देव स्थान देना चाहिए।
मंदिर की नित्य सफाई करते हुए वहां रखे पात्रों को बहुत अच्छे तरीके से साफ करना चाहिए। घर में नित्य पूजा से पहले नमक को सुबह-शाम पौछा लगाना चाहिए। इसके अलावा रात के समय कपूर जलाकर भगवान की आरती करनी चाहिए। मंहत ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि जो ऐसा नित्य क्रम दैनिक रुप से अपनाता है उसके घर में नकारात्क ऊर्जा न तो ठहरती है न ही प्रवेश करती है। इसके अलावा मनुष्य को एक नियम अवश्य बनाना चाहिए जिसमें सुबह खाना बनने से पहले एक रोटी गाय की और खाना बनाने के अंत में रोटी कुत्ते की बनानी चाहिए।
इस अवसर पर सरपंच रिंकू जौडला, राजेश अधाना, पंचायत सदस्य भवीचंद पाराशर,राजेन्द्र बिंदल, नगेन्द्र उर्फ गिन्नी प्रधान समिति, शशिकांत शर्मा, गौरव शर्मा राहूलदेव शर्मा, पप्पी नागर,देवानंद, कोकल पाराशर, महकसिंह अधाना, योगराज गोयल, बल्ला मित्तल, राकेश गर्ग, राजेश वर्मा, भगवत मित्तल, ज्ञानचन्द्र मित्तल, बिजेन्द्र कपड़ा वाले,बिजेन्द्र गर्ग के अलावा हजारों की संख्या में महिला,पुरूष,बुर्जुग व बच्चें उपस्थित रहे।