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स्कूल शिक्षा निदेशालय का सख्त निर्देश
चंडीगढ़, 17 मई : हरियाणा का कोई भी निजी या सरकारी स्कूल किसी विद्यार्थी से ‘विद्यालय त्याग प्रमाण-पत्र’ अथवा स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करते समय मासिक या त्रिमासिक शुल्क तब तक जमा करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता जब तक विद्यार्थी उस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए आवेदन नहीं करता है। इस बारे में स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों,जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों,खंड शिक्षा अधिकारियों एवं स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आम तौर पर यह देखने में आया है कि कुछ स्कूल पास होने पर विद्यार्थी की सहमति के बिना ही अगली कक्षा में प्रवेश दे देते हैं और जब विद्यार्थी नए सत्र के पहले दिन भी स्कूल छोडऩे के लिए आवेदन करता है तो उसे पूरे माह या तिमाही की फीस वसूली जाती है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी पर तब तक कोई वित्तीय दायित्व नहीं होना चाहिए जब तक वह विद्यार्थी उस कक्षा विशेष या विद्यालय में प्रवेश नहीं लेता। अगर कोई विद्यार्थी स्कूल छोड़ता है तो वह स्कूल प्रवेश के समय विद्यार्थी से ली गई अग्रिम राशि 500 रूपए ही रख सकता है,परंतु इससे अधिक राशि उस अवस्था में वापिस की जाए यदि विद्यार्थी ने उस स्कूल की सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है।
प्रवक्ता के अनुसार निदेशालय स्तर पर उक्त राशि विद्यार्थी के अभिभावकों से अग्रिम तौर पर वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद भी ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो वह अग्रिम राशि लौटाने के लिए स्कूल मुखिया व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेवार होगा