चीन को समझाओ नहीं तो समझौता रद्द करेंगे
नई दिल्ली: एन एस जी की सदस्यता के लिए भारत ने रूस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. मीडिया की ख़बरों के अनुसार भारत ने रूस को सीधे शब्दों में कहा है कि अगर वह चीन को इस मामले में राजी करने की कोशिश नहीं करते है तो भारत कुंडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की 5 वीं और 6 वीं रिएक्टर यूनिटों से जुड़े समझौते को रद्द कर सकता है.
अंग्रेजी दैनिक अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में बुधवार को छपी खबर के अनुसार ‘भारत को यह आशंका है कि रूस उसको एनएसजी में सदस्यता दिलाने के लिए प्रभावी कोशिश नहीं कर रहा है. रूस के रवैये से उनकी ढिलाई दिख रही है. दूसरी ओर रूस की ओर से भी इस बात की आशंका जताई जा रही है कि भारत अब इस मुद्दे को लेकर दबाव डाल रहा है और यही वजह है कि परमाणु रिएक्टर से संबंधित समझौतों में देरी होने के प्रबल आसार हैं.
अखबार ने खबर में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में इन समझौतों को लेकर बात की थी, लेकिन वह मोदी को अपने तर्क से नहीं समझा पाए और पीएम की ओर से कुछ भी साफ नहीं किया गया है.
खबर है कि अगले महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच मुलाकात होने वाली है. इस्लिए रूस इस कोशिश में लगा है कि इस मुलाकात से पूर्व परमाणु रिएक्टरों को लेकर समझौते की स्थिति अनुकूल कर ली जाए जिसके आसार कम दिख रहे हैं.