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: पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद ने आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की
यूनुस अलवी
मेवात: हरियाणा कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के निदेशक टीएम सकारिया से लोक नायक भवन दिल्ली में मुलाक़ात कर मेवात के पहलू हत्या मामले में न्याय दिलाने को आयोग से हस्तक्षेप करने कि मांग की वहीं आयोग ने जल्द ही घटना स्थल और पीडित परिवारों से मिलने को दौरा करने का आश्वासन दिया है।
पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने बताया कि आयोग के चैयरमेन ने उनकी बात को अच्छे से सुना है। उनको उम्मीद है कि आयोग के आगे आने से मृतक पहलू खान और अन्य पीडित लोगो को न्याय मिल सकेगा। उन्होने कहा कि देश में गौरक्षा के नाम पर बढ रही सांप्रदायिक घटनाओं व हिंसा को तुरंत रोकी जाऐं ताकि गाय पालने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ड़र के साये से बाहर आ सकें। उन्होने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में फर्जी गौरक्षकों ने कानून व्यवस्था को तार-तार कर दिया है जिनका मकसद देश के अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाना है। अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों को किसी भी सुरत में बरदास्त नहीं किया जा सकता है। ये फर्जी गौरक्षक एक सुनियोजित षड़यंत्र करके देश के अमन व भाईचारे को तोड रहे हैं ।
पूर्व मंत्री ने देश में बढ रही सांप्रदायिक घटनाओं के संदर्भ में चिंता वयक्त करते हुए आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है। मेवात के लोग शदियों से गाय पालते रहे हैं और दुध से गुजर बसर करते हैं। उन्होंने कहा कि मेवात के पहलू जो किसान थे और रमजान में दुध के लिए गाय खरीद कर ला रहे थे उन्हें गौरक्षा की आड़ में कुछ गुडों ने उसे मार दिया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीनों पहले गौरक्षकों को उंमादी की संज्ञा दी थी लेकिन उन पर लगाम लगाने के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा शासित प्रदेशों में सरकार ऐसे शरारती तत्वों पर लगाम लगाने के बजाय उनको महिमा मंडित कर रही है। पूर्व मंत्री चौधरी आफताब अहमद ने बताया कि उन्होने आयोग के सामने 7 मांगे रखी हैं। जिनमें पहलू हत्याकांड में आयोग तुरंत राजस्थान सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगे व कानून के उल्लंघन को बंद करने के लिए दिशानिर्देश जारी करे। पहलू हत्याकांड में शामिल सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। सभी ग्याराह निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। पहलू खान व उसके परिवार से छीनी गई गाय व उनके पैसों को तुरंत वापसी किया जाए। पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए। गौरक्षक दलों द्वारा बनाई गई गैरकानूनी चौकीयों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए। राज्य सरकार की जवाबदेही तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस मौके पर उनके साथ रफीक अहमद पूर्व सचिव हरियाणा कांग्रेस पार्टी, मुमताज अहमद, मौहम्मद असलम सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।