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: 6 माह पहले सऊदी में एक हादसे में मरे पुन्हाना निवासी को इमदाद के तौर पर केवल 47 हजार रूपये भेजे
: मरने वाले के 9 बच्चे हैं
: भारत सरकार ने भी नहीं की कोई मदद
यूनुस अलवी
मेवात: हिंदुस्तान के किसी आदमी कि अगर साऊदी अरब में नोकरी के दौरान किसी हादसे में हो जाती है तो उस मृतक के परिवार कि मदद ना तो वहां कि सरकार ही करती है और ना ही हिंदुस्तान की। गत 12 सितंबर 2016 को पुन्हाना खंड के गांव लुहिंगाकला निवासी ताहिर हुसैन कि जेसीबी चलाते हुऐ मौत हो गई थी। ताहिर कि मृत्यु के करीब 6 माह बाद मृतक कि विधवा ऐमना को साऊदी अरब कि राजधानी रियाद स्थित भारत के दूतावास से बुधवार को 47 हजार 532 रूपये का चैक भेजा गया है। इस चैक को आज मृतक के भाई जाकिर ने पुन्हाना के एसडीएम कार्यालय से प्राप्त किया। ये मामूली राशी किसने भेजी इसके बारे में ना तो पीडित परिवार को ही पता है और ना ही अधिकारियों को ही जानकारी है। एसडीएम ऑफिस पुन्हाना के डिप्टी सुप्रिडेंट अखतर हुसैन का कहना है कि यह राशी साऊदी अरब ने भारत के दूतावास कि ओर से मृतक के परिवार को बतौर राहत भेजी गई है। पीडित परिवार का कहना है कि भारत और साऊदी अरब सरकार कि ओर से उनको कोई मदद नहीं मिली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खंड के गांव लुहिंगाकला निवासी ताहिर हुसैन के 9 बच्चे थे। यहां कोई खास रोजगार ना होने कि वजह से वह करीब डेढ साल पहले रोजी रोटी कमाने के लिये साऊदी अरब गया था। पैशे से ड्राईवर होने कि वजह से ताहिर रियाद कि एक कंपनी में जेसीबी पर बतौर ऑपरेटर नोकरी करता था। गत 12 सितंबर 2016 को जेसीबी पलट जाने कि वजह से उसकी मौत हो गई थी। ताहिर को रियाद में दफना दिया गया गया।
मृतक ताहिर के भाई जाकिर हुसैन ने बताया कि उसके भाई कि मौत पर ना तो भारत सरकार ने ही कोई मदद कि है और ना ही साऊदी अरब कि सरकार ने। करीब 6 महिने बाद आज(बुधवार) एसडीएम ऑफिस पुन्हाना कि ओर से उनकी भाबी को 47 हजार 532 रूपये का चैक मिला है। उनका कहना है कि भारत में अगर किसी आदमी कि अपने आप भी मौत हो जाती है तो उसकी विधवा को करीब एक लाख रूपये कि सहायता दी जाती है। उसकी भाई कि पत्नि को ऐसी कोई सहायता राशी नहीं दी गई है। उन्होने भारत सरकार से मांग की है कि उसके भाई कि विधवा ऐमना को राहत राशी दी जाये जिससे वह अपने 9 बच्चों को पालन-पौशन कर सके।