गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव फिर टला
सरकार ने कहा अभी वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी नहीं
अब 30 मार्च को होगी अगली सुनवाई
चंडीगढ़ /गुरुग्राम : गुरुग्राम नगर निगम से सम्बधित याचिका के मामले में मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से फाइनल वार्डबंदी का मसौदा व नोटिफिकेशन तैयार कर अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है. राज्य निर्वाचन आयोग हरियाणा व राज्य सरकार ने अपने-अपने जवाब दाखिल किये. एक तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने अदालत से पुराने वार्ड बंदी के आधार पर चुनाव करवाने की अनुमति मांगी है जबकि दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया कि एडहोक कमिटी की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट सरकार के विचारार्थ लंबित है. अभी तक उस पर फाइनल निर्णय नहीं लिया जा सका है. मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी.
एक बार फिर गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव टल गया लगता है. उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में न्यायाधीश महेश ग्रोवर एवं न्यायाधीश शेखर धवन की बेंच में याचिकाकर्ता भूप सिंह एवं अन्य की ओर से उठाये गए बिन्दुओं का लिखित जवाब हरियाणा सरकार की ओर से दायर किया गया. बताया जाता है कि सरकार ने कोर्ट को सूचित किया है कि गुरुग्राम नगर निगम की वार्ड बंदी के लिए गठित एडहोक कमिटी की रिपोर्ट गुरुग्राम जिला उपयुक्त ने सरकार के पास विचारार्थ सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर अभी तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. तर्क दिया गया कि यह मामला कोर्ट में लंबित है इसलिए इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है और न ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में सरकार से फाइनल वार्ड बंदी का मसौदा एवं नोटिफिकेशन का प्रारूप प्रस्तुत करने को कहा और सुनवाई की अगली तारीख 30 मार्च मुक़र्रर की है.
इस मामले का एक और पक्ष हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग भी है. खबर है कि आज निर्वाचन आयोग ने कोर्ट से पुराने वार्ड बंदी के आधार पर ही चुनाव करवाने की अनुमति मांगी. आयोग ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में देश की सर्वोच्च अदालत के एक निर्णय का हवाला दिया है. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में दिए निर्णय में कहा है कि किसी स्थानीय निकाय का टर्म पूरा होने से अगले छह माह तक अगर सरकार वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाती है तो पुराने वार्ड बंदी के आधार पर ही चुनाव कराएं जाएँ.
इस निर्णय को आधार बनाते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त के समक्ष ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय जिनमें ग्राम पंचायत, ब्लोक समिति, जिला परिषद्, नगर परिषद्, नगर पालिका एवं नगर निगम शामिल हैं की वार्ड बंदी की प्रक्रिया अगर टर्म पूरा होने के छह माह के अन्दर सरकार पूरा करने में विफल रहती है तो तो राज्य निर्वाचन आयोग को पुरानी वार्ड बंदी को ही आधार मानते हुए राज्य सरकार को चुनाव करवाने के निर्देश जारी करने की मांग की.
अब संभावना है कि राज्य सरकार एवं निर्वाचन आयोग की ओर से दाखिल जवाब का प्रत्युत्तर याचिका कर्ता की ओर से भी आगामी तारीख को दाखिल किया जा सकता है.
ऐसे में संभावना इस बात की प्रबल हो चली है कि अगर हरियाणा सरकार की ओर से वार्डबंदी की प्रक्रिया के लिए और समय माँगा गया तो निर्वाचन आयोग इस बात पर बल दे सकता है कि पुराने वार्ड के आधार पर ही चुनाव कारवाने की अनुमति दी जाए. अगर उच्च न्यायलय की अनुमति मिली तो पुराने वार्ड के आधार पर ही गुरुग्राम नगर निगम के चुनाव हो सकते हैं.