बैंकों में राष्ट्रव्यापी हड़ताल , एटीएम भी कैशलेस

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सरकारी बैंकों के उपभोक्ता रहे परेशान, निजी बैंकों खुले  

नई दिल्ली :  केंद्र सरकार की कथित बैंक विरोधी नीतियों के खिलाफ सभी बैंक राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस के आह्वान पर हो रही इस हड़ताल में देश भर में दस लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल बाताये जाते हैं. देश की राजधानी दिल्ली से लेकर, हरियाणा, राजस्थान , पंजाब, बिहार, उत्तरप्रदेश सहित सभी राज्यों में  बैंक कर्मियों की इस हड़ताल का खासा असर देखने को मिल रहा है. बैंक बंद होने से व्यावसायी व उद्यमी एवं आम लोगों को परेशान है.

 

पिछले सप्ताह लंबे वीकेंड के बाद सोमवार को खुले सार्वजनिक  क्षेत्र के बैंक मंगलवार यानी आज फिर बंद हैं. नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त काम करने के लिये बैंक कर्मचारियों को मुआवजा दिये जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 28 फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया है. हालांकि, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक, एचडीएफसी (HDFC) बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक में कामकाज सामान्य रहने की उम्मीद है. केवल चेक क्लीयरेंस में कुछ देरी हो सकती है.

 

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है जिसका बैंकों के कामकाज पर असर पडा. हालाँकि स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOI) सहित कई बड़े बैंकों ने इस सम्बन्ध में सूचित कर दिया था. उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी पहले से थी.

बताया जाता है कि यूएफबीयू में शामिल नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं.

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव हरविंदर सिंह ने कहा है कि बैंक प्रबंधन विशेषतौर से भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की तरफ से इसे स्थगित करने के लिये कोई कदम नहीं उठाया गया.  ऑल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा है कि मुख्य श्रम आयुक्त ने बैंक प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के बीच 21 फरवरी को एक सहमति बैठक कराई थी लेकिन इसमें बैंक प्रबंधन के अड़ियल रख के कारण बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. वेंकटाचलम ने कहा कि संघों द्वारा की गई मांगों का कोई समाधान निकालने की सभी कोशिशें विफल रहने के कारण हड़ताल का आह्वान करना पड़ा है. बिहार की 6775 बैंक शाखाएं और 6690 एटीएम भी इस हड़ताल से प्रभावित हैं जबकि 72 हजार कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं पटना के बैंकों में भी हड़ताल का प्रभाव देखने को मिल रहा है.

बिहार की 6775 बैंक शाखाएं और 6690  एटीएम भी इस हड़ताल से प्रभावित हैं जबकि 72 हजार कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं. पटना के बैंकों में भी हड़ताल का प्रभाव देखने को मिल रहा है जहां ताले लटक रहे हैं. ग्रामीण के अलावा निजी बैंकों की शाखाएं भी बंद हैं.

इससे पहले हड़ताल की पूर्व संध्या पर बैंक कर्मियों ने रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय मुख्यालय के सामने भी प्रदर्शन किया था बैंकों की हड़ताल का असर शहर के एटीएम में भी देखने को मिला जहां कई बैंकों के एटीएम कैश की किल्लत से जूझते रहे.

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