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यूनिस अलवी
मेवात : वही डेगेरहेड़ी, जगह भी कमोबेश वही, अधिकारी भी वही, बदली तो सिर्फ जाती। आज से 6 महीना पहले ऐसी डेगेरहेड़ी हे एक दम्पति की हत्त्या होती है, दो बेटियों की इज़्ज़त लूटी जाती है और चार लोगो को एडमरा क्र दिया जाता है। लेकिन मेवात के डीसी साहेब मणिराम शर्मा 3 दिन तक परिवार को सांत्वना देने तक नहीं पहुँचते हे। और 3 दिन बाद भी जाते हे तो एक मंत्री के साथ प्रोटोकॉल को पूरा करने की हैसियत से।
आज उसी जगह एक आदमी की मौत हो जाती है अब कारण किया है ये तो जाँच में ही पता चलेगा लकिन मृतक के परिवार वाले हत्ता बता रहे हे जबकि दूसरा पक्ष सड़क हादसा करार दे रहा है। कुछ भी हो एक आदमी की मौत हुई है। मेवात के डीसी मणि राम शर्मा बिना कोई देरी किये सुब्हे 8-9 बजे पहुँच जाते हे वहां केई घण्टे बिताते हे। जब एक पक्ष पर हत्ता का मामला दर्ज हो जाता है तभी वहां से साहेब चलते हे। जबकि डबल मर्डर में 302 की धारा भी चेनल पर न्यूज़ चलने के बाद ही लगाई गई थी।
आखिर मेवात के लोग मेवात के डीसी मणिराम शर्मा को अल्पसंख्यक विरोधी कहते हे तो उनकी बात में दम लगता है। कियोकि डबल मर्डर और डबल गैंग रेप में नहीं जाते और आज पहुंच जाते हे।