Indian Research Papers
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय से स्वच्छता सारथी फैलोशिप 2022 की घोषणा
एनआईपीईआर रिसर्च पोर्टल लांच : एक प्लेटफोर्म पर मिलेंगी शोध सम्बन्धी जानकारी
इसरो के नए अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मिले
स्वदेश, विश्व का पहला मल्टीमॉडल ब्रेन इमेजिंग डेटा और एनालिटिक्स
अटल इनोवेशन मिशन ने अटल टिंकरिंग लैब व इंगेज विद साइंस के बीच सहयोग की घोषणा की
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के इलाज के लिए भारतीय शोधकर्ताओं ने बेहतर चिकित्सा विकसित की
भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई ग्वार गम और चाईटोसन के बायोडिग्रेडेबल पॉलीमर से पैकेजिंग सामग्री
सूर्य के किरीट से निकलने वाले पदार्थ अंतरिक्ष मौसम के पूर्वानुमानों को प्रभावित करते हैं
हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि कैसे सौर वातावरण में सूर्य के किरीट (कोरोना) से उत्सर्जित होने वाले पदार्थ (कोरोनल मास इजेक्शन) जैसी स्थितियां और घटनाएं अंतरिक्ष के मौसम पूर्वानुमानों की उस सटीकता को प्रभावित करते हैं जो हमारे उपग्रहों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह समझ भारत के पहले सौर मिशन आगामी आदित्य-एल1 से प्राप्त होने वाले आंकड़ों (डेटा) की व्याख्या में सहायता करेगी।
भारत में तीन नए हीटवेव हॉटस्पॉट के कारण बड़ी आबादी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है
भारत के उत्तर- पश्चिमी, मध्य और उससे आगे दक्षिण-मध्य क्षेत्र पिछली आधी सदी में तीव्र हीटवेव घटनाओं के नए हॉटस्पॉट बन गए हैं। एक अध्ययन में कहा गया है कि हाल के वर्षों में गम्भीर भारतीय हीट वेव में वृद्धि हुई है। अध्ययन में निवासियों के लिए विभिन्न खतरों पर ध्यान देने के साथ तीन हीटवेव हॉटस्पॉट क्षेत्रों में प्रभावी हीट एक्शन प्लान विकसित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है। हीटवेव एक घातक स्वास्थ्य खतरे के रूप में उभरा, जिसने हाल के दशकों में दुनिया भर में हजारों लोगों की जान ले ली, साथ ही भारत में भी पिछली आधी सदी में आवृत्ति, तीव्रता और अवधि में तीव्रता आई है।