जैविक ई लिमिटेड की कोविड-19 वैक्सीन–कोर्बेवैक्स को दो ​​​​परीक्षणों के लिए डीजीसीआई की मंजूरी

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) और कोविड -19 टीकों के निर्माण में निवेश बढ़ाने के लिए असंख्य पहलें  की हैं ।  इनमें मिशन कोविड  सुरक्षा कार्यक्रम की स्थापना करना कोविड -19 वैक्सीन  के विकास के लिए एक ऐसा प्रयास है  जो टीकों (वैक्सीन) के त्वरित विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित करने के लिए किया गया है I इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ जितना जल्दी हो सके, देश के  नागरिकों के लिए एक सुरक्षित, प्रभावोत्पादक, सस्ती और सुलभ कोविड -19 टीका (वैक्सीन) उपलब्ध कराना  है  ।

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जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों ने खगोलशाला क्षुद्रग्रह खोज अभियान 2021 के तहत क्षुद्रग्रहों का पता लगाया

जवाहर नवोदय विद्यालयों के सोलह छात्रों द्वारा खगोलशाला क्षुद्रग्रह खोज अभियान 2021 के तहत खोजे गए आठ क्षुद्रग्रहों को इंटरनेशनल ऐस्ट्रनॉमिकल सर्च कोलाबरेशन द्वारा “प्रोविजनल स्टेटस” प्रदान किया गया है।

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अब 15 मिनट में ही पानी और खाद्य नमूनों में आर्सेनिक का पता लगाना संभव

इंस्पायर फैकल्टी फेलो डॉ. वनीश कुमार ने 15 मिनट में ही पानी और खाद्य नमूनों में आर्सेनिक संदूषण का पता लगाने के लिए एक अति-संवेदनशील तथा उपयोग में आसान सेंसर विकसित किया है। यह सेंसर अत्यंत संवेदनशील, चयनात्मक तथा एक ही चरण की प्रक्रिया वाला है और यह विभिन्न तरह के पानी और खाद्य नमूनों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

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तारा टूटने से उत्पन्न गामा-किरण विस्फोट को देखने वाले खगोलविदों में भारतीय खगोलविद भी शामिल

खगोलविदों के एक समूह ने उच्च-ऊर्जा विकिरण के एक बहुत ही कम अवधि के ऐसे शक्तिशाली विस्फोट का पता लगाया है जो लगभग एक सेकंड तक हुआ और हमारे ब्रह्मांड की वर्तमान आयु की लगभग आधी दूरी से पृथ्वी की ओर दौड़ रहा था। सुदूर अंतरिक्ष में एक विशाल तारे की मृत्यु के कारण हुआ यह सबसे छोटा गामा-रे विस्फोट

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अन्य ऊर्जा स्रोत से चमकने वाला दुर्लभ सुपर ल्यूमिनस सुपरनोवा की खोज

भारतीय शोधकर्ताओं ने एक अत्यंत उज्जवल और हाइड्रोजन कमी के साथ तेजी से उभरने वाले सुपरनोवा का पता लगाया है जो एक अति-शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र के साथ एक अनोखे न्यूट्रॉन तारे से ऊर्जा लेकर चमकता है। ऐसी प्राचीन आकाशीय पिंडों के गहन अध्ययन से प्रारंभिक ब्रह्मांड के रहस्यों की जांच करने में मदद मिल सकती है।

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डीबीटी-आईएलएस ने नमक-स्रावित मैंग्रोव प्रजाति के जीनोम को डिकोड किया

डीबीटी-इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्वर और एसआरएम-डीबीटी पार्टनरशिप प्लेटफॉर्म फॉर एडवांस्ड लाइफ साइंसेज टेक्नोलॉजीज, एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु के वैज्ञानिकों ने पहली बार अत्यधिक नमक सहिष्णु और नमक-स्रावित ट्रू-मैंग्रोव प्रजाति, एविसेनिया मरीना के संदर्भ-ग्रेड के एक पूरे जीनोम अनुक्रम की जानकारी दी है।

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