चंडीगढ़ 6 मई। भारत के पहले शैक्षणिक नशा निरोधक एस्केप रूम – चक्रव्यूह का उद्घाटन डीजीपी शत्रुजीत कपूर की उपस्थिति में किया गया। यह हरियाणा पुलिस द्वारा युवा आबादी की बेहतरी के लिए एक उल्लेखनीय पहल है।
ओ पी सिंह, एडीजीपी हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और सिबाश कविराज, आईजीपी अंबाला रेंज द्वारा परिकल्पित, चक्रव्यूह को किशोरों में सही विकल्प बनाने की क्षमता विकसित करने, उनके निर्णय लेने के कौशल को सशक्त बनाने और ड्रग्स को न कहने का एक मजबूत संदेश देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इतना ही नहीं, चक्रव्यूह टीमवर्क, संचार और लचीलापन जैसी अच्छी चीज़ों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो महत्वपूर्ण शिक्षा हैं जिन्हें युवाओं को अपनाना चाहिए।
एस्केप रूम अभिमन्यु के पौराणिक चरित्र से प्रेरणा लेता है, जिसने सही शिक्षाओं का पालन करके चक्रव्यूह को सफलतापूर्वक पार किया। उनकी कहानी हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है जो सफल होने के लिए जीवन में सही व अच्छी शिक्षाओं का पालन कर सकता है।
चक्रव्यूह को 4 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक जीवन के महत्वपूर्ण चरणों पर ध्यान केंद्रित करता है। बच्चों को पहेलियाँ सुलझाने, सही विकल्प चुनने और आगे बढ़ते रहने के लिए मिलकर सोचने की ज़रूरत है। प्रत्येक क्षेत्र उन अच्छी शिक्षाओं के सही सेट पर ध्यान केंद्रित करता है जिन्हें बच्चों को न केवल अगले चरण तक बल्कि अपने पूरे जीवन में अपने साथ लेकर चलना चाहिए।
चक्रव्यूह के साथ मिशन स्पष्ट है- हम चाहते हैं कि बच्चे सही व अच्छी चीज़ें सीखें और ड्रग्स को ना कहें, एक ऐसे अनुभव में शामिल होकर जिसे वे जीवन भर याद रखेंगे। अगर जीवन एक जटिल चक्रव्यूह है, तो आइए अपने बच्चों को अभिमन्यु बनने के लिए तैयार करें!