इंफोसेक पोलिसी तैयार करने में जुटी हरियाणा सरकार

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सरकारी डाटा की सुरक्षा होगी चाक चौबंद 

सूचना सुरक्षा प्रबन्धन कार्यालय ने किया 53 वेबपोर्टल का ऑडिट

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार एक व्यापक इंफोसेक पोलिसी तैयार कर रही है, जिसके लिए सूचना सुरक्षा प्रबन्धन कार्यालय (आईएसएमओ) की पहले ही स्थापना की जा चुकी है। इलैक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी. उन्होंने बताया  कि प्रदेश की 30 आईटी एस्ट्स का सतत जोखिम विश्लेषण (वी.ए.) और पैनेट्रेशन टेस्टिंग (पी.टी.) कराने के कार्य में सुरक्षा विशेषज्ञों के एक समर्पित दल को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष के भीतर प्रदेश की सभी आईटी एस्ट्स को कवर करने की योजना है। 

 

उन्होंने कहा कि सुरक्षा गतिविधियों की निगरानी के लिए एक सुरक्षा संचालन केन्द्र (एसओसी) की स्थापना करने की भी योजना है ताकि निवारणात्मक और उपचारात्मक उपाय 

 

किये जा सकें। सूचना सुरक्षा प्रबन्धन कार्यालय द्वारा सतत सुरक्षा आंकलन प्रक्रिया के रूप में अब तक 53 वेबपोर्टल का ऑडिट किया गया है। उन्होंने कहा कि स्टेेट पोर्टल और सर्विस डिलीवरी गेटवे के माध्यम से विभिन्न विभागों की 35 इलैक्ट्रानिक्स सेवाओं को शामिल करने की भी योजना बनाई गई है। इनमें से 15 सेवाओं को शामिल किया जा चुका है और ये चल रही हैं। बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए इन सेवाओं को त्वरित आंकलन सेवा प्रणाली के साथ जोड़ा गया है। 

 

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के महाविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में कार्यरत फैकल्टी के कौशल में सुधार लाने के लिए प्रदेश के राष्ट्रीय प्रैद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र में एक इलैक्ट्रानिक्स और आईसीटी अकादमी स्थापित करने की योजना है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सात विश्वविद्यालयों में 30-30 लाख रुपये की लागत से सात ऊष्मायन केन्द्रों की स्थापना करने की भी योजना है। 

 

उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा नई आईटी पोलिसी बनाई जा रही है, जो सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं, बीपीओ, इलैक्ट्रानिक्स मन्यूफैक्चरिंग के लिए अनेक प्रोत्साहन प्रदान करेगी और निवेशक मैत्री वातावरण सृजित करके, त्वरित स्वीकृति प्रदान करके, और विश्वसनीय अवसरंचना विकसित करके निवेश सुविधाएं प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, केन्द्र सरकार द्वारा जारी नये दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए संचार और संयोजक अवसरंचना नीति में संशोधन किया जा रहा है। 

 

उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण केन्द्र सहित एक मोबाइल एप्लीकेशन डेवेल्पमेंट सेंटर इंटरनेट सेवा के साथ स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए गुरुग्राम में 3000 वर्गफीट क्षेत्र की पहचान की गई है। इसमें सांझा विडियो कान्फे्रंसिंग बैठक कक्ष व इंटरनेट जैसी सांझा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के पास यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फोर न्यू-ऐज गवर्नेंस (यूएमएएनजी) शुरू करने की योजना है। हरियाणा ने पहले ही 100 सेवाएं शुरू कर दी हैं और उनमें से मोबाइल सेवाएं शुरू होने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान कम से कम 50 गवर्नमेंट-टू- सिटीजन (जी2सी) सेवाओं को जोडऩे का लक्ष्य भी है।

 

उन्होंने कहा कि स्टेट रेजिडेंट डाटाबेस (एसआरडीबी) का प्रारम्भिक संस्करण चालू है और आधार रैपोजिटरी के रूप में लगभग 1.58 करोड़ नागरिकों का रिकार्ड उपलब्ध है। भारत सरकार के विजन अनुसार निर्मित रेजिडेंट डाटा का उपयोग लाभों के प्रबन्धन के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाटा आदान-प्रदान के लिए विभिन्न विभागों की 29 ई-सेवाओं को एसआरडीबी के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इसके जोडऩे से केरोसिन, सामाजिक पेंशन और छात्रवृतियों के वितरण से अपात्र लाभार्थियों को हटाया गया है। इससे राज्य को उल्लेखनीय बचत हुई है। इसके अतिरिक्त, स्टेट रेजिडेंट डाटा हब (एसआरडीएच) स्थापित किया गया है और इस समय जुलाई, 2015 तक भारत के यूनिक पहचान प्राधिकरण के पास 1.44 करोड़ का रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि एसआरडीएच डाटाबेस का उपयोग चुनाव, शिक्षा, सामाजिक न्याय और खाद्य आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों के कार्य प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है। 

 

उन्होंने कहा कि नेशनल ऑपटिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन)/ भारत नेट प्रौजेक्ट के तहत सभी ग्राम पंचायतों को प्रदेशभर में स्थापित किये जा रहे अटल सेवा केन्द्रों के माध्यम से गवर्नमेंट-टू-सिटीजन (जी2सी) और सिटीजन-टू-गवर्नमेंट (सी2जी) सेवाएं प्रदान करने के लिए ऑपटिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा है। अब तक 4051 ग्राम पंचायतों में ऑपटिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य पूरा किया गया है। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों को वाईफाई कनैक्टिविटी भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि 119 ग्राम पंचायतों और स्कूलों में वाईफाई उपकरण लगाएं गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान 350 गांवों वाईफाई कनैक्टिविटी स्थापित करने की भी योजना है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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