शनिवार को स्वयं करें एक घंटा बिजली बंद !

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शनिवार है अर्थ आवर डे

गुरुग्राम, 24 मार्च । जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी को बचाने के लिए ऊर्जा समिति द्वारा शनिवार 25 मार्च को अर्थ आवर डे मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को बिजली के महत्व के प्रति और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक करना है।


ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि अर्थ आवर विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा आयोजित एक विश्वव्यापी अभियान है। यह आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जो व्यक्तियों, समुदायों और व्यवसायिकों आदि को पृथ्वी के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक घंटे के लिए गैर-जरूरी बिजली की बत्तियां बंद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसमें दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है बल्कि सौर ऊर्जा को भी अपनाने की सलाह भी दी जाती है।


उन्होंने बताया कि अर्थ आवर डे मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन की चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों व कारोबारियों को एक साथ लाना है। प्रकृति को हो रहे नुकसान को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए भी एकजुट करता है।


संजय चुघ ने कहा कि हमें अर्थ आवर का हिस्सा बनना चाहिए और स्वयं ही शनिवार को स्वेच्छा से एक घंटे के लिए बिजली बंद करनी चाहिए। सभी लोग अपने घरों और कार्यालयों में अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स आदि बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को स्वयं बंद करें और औरों को भी इसके लिए प्रेरणा दें।
इस अभियान में एक घंटे के लिए बिजली बचा लेने से कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो जाएगा। लेकिन एक दिन लिए की गई कोशिश और लोगों की एकजुटता में यह सन्देश देने की कोशिश करते हैं कि ‘ऊर्जा बचाएं’।
उन्होंने लोगों को स्वेच्छा से समय निर्धारित कर एक घंटे के लिए बिजली के अनावश्यक उपकरण आदि बंद करने का आह्वान किया है। विश्व के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति इसमें शामिल होकर अपना योगदान दे सकता है। एक घंटे के लिए स्वयं बिजली उपकरण बंद कर अपना समर्थन अवश्य दें। यह बायोडायवर्सिटी एवं प्रकृति की रक्षा में तुच्छ योगदान होगा। 


उन्होंने कहा कि कोशिश करें कि क्लाइमेट में तेजी से हो रहे बदलाव के प्रति लोगों को जागरूक करें। अचानक से बदलते मौसम, तापमान में बढ़ोतरी, अप्रत्याशित वर्षा और बेमौसम आंधी-तूफान आदि संकट की ओऱ से इशारा करते हैं। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। अर्थ आवर इसी दिशा में एक कदम है।


बिजली बचाने के मकसद से दुनियाभर में यह ‘अर्थ आवर डे’ मनाया जाता है। अर्थ आवर की शुरुआत वर्ष 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से लाइट-ऑफ इवेंट के रूप में हुई थी। 2008 में 35 देशों ने अर्थ आवर डे में हिस्सा लिया और अब अर्थ आवर डे में विश्व के लगभग सभी देश शामिल हैं। आज यह विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरण संरक्षण का अभियान है। अर्थ आवर हर साल मार्च के अंतिम शनिवार को एक घंटे के लिए रात 8:30 से 9:30 बजे तक धरती की रक्षा के लिए लाखों लोगों द्वारा स्वयं मनाया जाता है। कई लोग कैंडल जलाकर अर्थ आवर को सेलिब्रेट करते हैं।

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