सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : देश में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए शुक्रवार को बड़ी खबर सामने आई है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के एक चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक अवसर दिया है. खबर है कि केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर केन्द्रीय सिविल कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने का एक बार मौका देने का निर्णय लिया है . यह विकल्प चुनने कि अंतिम समय सीमा 31 अगस्त 2023 निर्धारित की गई है .
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है.
क्या है आदेश ?
केंद्र सरकार ने ऐसे सेंट्रल गवर्मेंट सिविल कर्मियों को ओ पी एस की सुविधा चुनने का विकल्प देने का निर्णय लिया है जिनकी नियुक्ति नेशनल पेंशन सिस्टम का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले केंद्र सरकार द्वारा जारी विज्ञापन, अधिसूचना या नियुक्ति प्रक्रिया के अधीन हुई है . केंद्र सरकार ने अपने 3 मार्च के आदेश में यह स्पष्ट किया है कि नेशनल पेंशन सिस्टम देश में 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचित किया गया था. साथ जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद हुई है लेकिन उनकी नियुक्ति पहले जारी विज्ञापन के माध्यम से हुयी है और उन्हें नेशनल पेंशन सिस्टम के अधीन माना गया है. इस तिथि से पहले की नियुक्ति पाने वाले केंद्रीय कर्मचारी ओल्ड पेंशन सिस्टम का विकल्प चुनने के हकदार हैं .
इस परिधि में आने वाले कर्मचारी आगामी 31 अगस्त 2023 तक ओल्ड पेंशन सिस्टम वन टाइम ऑप्शन के तहत विकल्प चुन सकते हैं. उल्लेखनीय है कि ओल्ड पेंशन सीसीएस पेंशन रूल 1972 (अब 2021 )के तहत दी जाती है।
केंद्र सरकार ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय सीमा यानी 31 अगस्त 2023 तक अगर कोई कर्मचारी ओल्ड पेंशन सिस्टम का विकल्प नहीं चुनेगा तो वे सभी नेशनल पेंशन सिस्टम के अधीन ही रहेंगे. सरकार ने कहा है कि विकल्प चुनने की समय सीमा समाप्त होने के बाद 31 अक्टूबर 2023 को इसे लागू करने का अंतिम आदेश जारी किया जाएगा।
क्या था मामला ?
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कर्मियों की ओर से केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग को ओल्ड पेंशन सिस्टम लागू करने संबंधी एक ज्ञापन सौंपा गया था. उक्त ज्ञापन में ऐसे कर्मी जो 1 जनवरी 2004 या इसके बाद नियुक्त किए गए थे लेकिन उक्त नियुक्तियों के लिए विज्ञापन या अधिसूचना पहले जारी की गई थी , के लिए ओल्ड पेंशन सिस्टम ,सेंट्रल सिविल सर्विस रूल्स 1972 (अब 2021) लागू करने की मांग की गई थी.
ज्ञापन में यह तर्क दिया गया था कि उनकी नियुक्ति नेशनल पेंशन सिस्टम की अधिसूचना लागू करने से पूर्व की गई थी इसलिए उन पर यह सिस्टम प्रभावी नहीं होना चाहिए . ज्ञापन में केंद्र सरकार के कर्मियों की ओर से कई उच्च न्यायालयों और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की ओर से इस संबंध में दिए गए निर्णयों का भी हवाला दिया गया था।
कैसे हुआ निर्णय ?
उक्त ज्ञापन पर केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग, कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर और डिपार्टमेंट ऑफ लीगल अफेयर्स ने संयुक्त रूप से विचार विमर्श कर उपरोक्त निर्णय लिया।
सरकार की ओर से जारी आदेश में यह साफ कर दिया गया है कि ओल्ड पेंशन सिस्टम चुनने का विकल्प केवल एक बार ही मिलेगा. जो कर्मी निर्धारित समय सीमा में इस विकल्प का चयन नहीं करेंगे वह नेशनल पेंशन सिस्टम के अधीन ही रहेंगे।