नई दिल्ली / औरंगाबाद : भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों और एक वरिष्ठ सेवारत नौसेना अधिकारी की पत्नी ने औरंगाबाद में 27-28 फरवरी, 2023 को आयोजित जी-20 के तत्त्वावधान में विमेन-20 की आरंभिक बैठक में भारतीय नौसेना के साथ अपने अनुभवों और जुड़ाव को साझा किया। ‘ब्रेकिंग दी बैरियर्सः स्टोरीज़ ऑफ अनकनवेंशनल विमेन’ विषयवस्तु के तहत श्रोताओं से बातचीत करते हुये महिला अधिकारियों ने अपने विचार और वृत्तांत प्रस्तुत किये, जिनसे पता चलता है कि भारतीय नौसेना में लैंगिक सशक्तिकरण और समावेशी प्रक्रिया का कथनी व करनी द्वारा पूरी तरह पालन किया जाता है। सभी के पास सुनाने के लिये कुछ न कुछ अनोखा और विशेष था।
लेफ्टिनेंट कमांडर स्वाति भंडारी ने बताया कि कैसे उन्होंने ऊंचाई से लगने वाले डर पर विजय प्राप्त की और एक कुशल नेवी-पायलट बन गईं। उन्होंने संचालन, खोज और बचाव मिशनों में कई बार उड़ान भरी है। उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिये महिला दिवस 2022 पर नागर विमानन मंत्रालय ने सम्मानित किया था। सर्जन कमांडर शाज़िया ख़ान कुशल स्त्रीरोग शल्य चिकित्सक हैं। उन्होंने डॉक्टर के रूप में और नौकायान के दौरान होने वाले अनुभवों को साझा किया। उन्होंने हाल में राजस्थान में संपन्न होने वाली कार-रैली के अनुभव भी बताये। उन्होंने कहा कि इन सबने उनके व्यक्तित्व को आत्मविश्वास से भर दिया है।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने गर्व के साथ अपनी यात्रा के बारे में बताया, जो एनसीसी गणतंत्र दिवस परेड से शुरू होकर भारतीय नौसेना के दस्ते का नेतृत्व करने तक जाती है। उन्होंने इस वर्ष के गणतंत्र दिवस पर 144 कर्मियों वाले दस्ते का नेतृत्व किया था। लेफ्टिनेंट कमांडर ताविशी सिंह एक नौसैनिक निर्माणकर्ता हैं, जो शिपयार्ड में होने वाले निर्माण कार्यों की देखरेख करती हैं, ताकि युद्धपोतों को लॉन्च करने के पहले की तैयारी से लेकर उनकी आपूर्ति करने तक की सारी गतिविधियां सुचारु रूप से चलें। दो महिला लेफ्टिनेंट कमांडर डिलना और रूपा, दोनों आईएनएसवी तारिणी पर तैनात हैं।
दोनों दक्षिणी अटलांटिक के सफर पर हैं और नौवहन का प्रशिक्षण ले रही हैं। इस तरह वे नौवहन करने वाली पहली एशियाई महिला बन जायेंगी। दोनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजन में जुड़ीं। अंत में नौसेना के एक वरिष्ठ सेवारत अधिकारी की पत्नी श्रीमती दीपा भट नायर ने नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस संगठन (एनडब्लूडब्लूए) की भूमिका पर अपने विचार रखे। इस संगठन को नौसैनिकों की पत्नियां संचालित करती हैं। श्रीमती नायर खुद भी एक प्रोफेशनल हैं।
बदलते समय के साथ एनडब्लूडब्लूए भी आगे बढ़ता रहा और लैंगिक तटस्थता को उसने अपना लिया। श्रीमती नायर ने नौसैनिकों की पत्नियों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को रेखांकित किया के वे कैसे एकजुट होकर नौसैनिकों के परिवारों की देखरेख करती हैं। नौसेना अपने परिजनों की खुद देखभाल करती हैं, लेकिन सैनिकों की पत्नियां भी स्वयंसेवी के रूप में कार्यरत रहती हैं। ये महिला स्वयंसेवी समुद्र में रवाना होने वाले नौसैनिकों को यह विश्वास और ताकत देती हैं कि उनके परिवार वालों की पूरी देखभाल की जायेगी।
भारतीय नौसेना एक बहु-आयामी बल है, जो समुद्र की सतह पर, समुद्र के नीचे और समुद्र के ऊपर आसमान में भी काम करती है। इसकी गतिविधियों में सैन्य, राजनयिक, कांस्टेबुलरी और भलाई करने की भूमिकायें शामिल हैं। नौसेना प्लेटफार्म: जहाज, पनडुब्बियां और विमान अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं और इसलिये नौसेना अपनी सबसे बड़ी सम्पदा की गुणवत्ता और प्रशिक्षण पर बहुत जोर देती है, यानी उन कर्मियों पर जो इन मशीनों का प्रबंधन करते हैं। जीवन के सभी क्षेत्रों और भारत के सभी हिस्सों के लोग सशस्त्र बलों का हिस्सा हैं। भारतीय नौसेना भी इससे अलग नहीं है। अक्सर यह कहा जाता है कि भारतीय नौसेना युद्धपोत भारत की विविधता की जीती-जागती मिसाल है।
यही, वास्तविक भारत का एक लघु हिस्सा है। वैसे महिलायें पहले भी नौसेना की कुछ शाखाओं में काम करती रही हैं, लेकिन अधिकारियों और नौसैनिकों, दोनों के लिए सभी शाखाओं को खोलने की हालिया पहल एक साहसिक परिवर्तनगामी कदम है। उपरोक्त कहानियां प्रेरणादायक थीं और नारी शक्ति को अपने वास्तविक रूप में दर्शाती थीं। उन्होंने भारतीय नौसेना और एनडब्ल्यूडब्ल्यूए के तत्त्वावधान में किए गए विभिन्न संपर्क कार्यक्रमों और परोपकारी प्रयासों को भी समाज के सामने लाने का काम किया है।