“हरियाणा में आगामी जी-20 कार्य समूह की बैठक वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जी-20 की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करेगा “

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नई दिल्ली : केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि जी-20 की पहली भ्रष्टाचार-रोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की बैठक में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने और वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने को लेकर जी-20 प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने के लिए एकीकृत कार्रवाई की फिर से पुष्टि करेगा। यह बैठक 1 से 3 मार्च, 2023 तक हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित की जाएगी।

भ्रष्टाचार-रोधी कार्य समूह की पहली बैठक से पहले जारी अपने एक वक्तव्य में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता अभूतपूर्व आर्थिक, भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों के बीच हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर निराशाजनक आर्थिक परिदृश्य के बीच आईएमएफ और अन्य विश्व एजेंसियों ने भारत को एक उज्ज्वल स्थल बताया है और इसे देखते हुए भारत महत्वपूर्ण मुद्दों पर उत्तर-दक्षिण विभाजन को दूर करने के लिए अपनी सही भूमिका निभाएगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत कार्रवाई की फिर से पुष्टि करेगा।

उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता की विषयवस्तु- “वसुधैव कुटुम्बकम्” या “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का उल्लेख करते हुए वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने की दिशा में जी-20 की प्रतिबद्धताओं को मजबूती देने पर जोर दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत की जी-20 अध्यक्षता के साथ आगे बढ़ते हुए पहली भ्रष्टाचार-रोधी कार्य समूह की बैठक आयोजित कर रहा है। उन्होंने आगे बताया कि गुरुग्राम में इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 से अधिक प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार-रोधी तंत्र को मजबूत करने पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। इसके अलावा ये प्रतिनिधि विशेष रूप से आयोजित योग सत्रों, ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्थानीय व्यंजनों के माध्यम से भारत की संस्कृति का अनुभव करेंगे।

"हरियाणा में आगामी जी-20 कार्य समूह की बैठक वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जी-20 की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करेगा " 2डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि साल 2010 में अपनी स्थापना के बाद से जी-20 भ्रष्टाचार-रोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) जी-20 देशों की भ्रष्टाचार विरोधी पहलों को लेकर मार्गदर्शन करने में सबसे आगे रहा है। जी-20  एसीडब्ल्यूजी बैठकों में एक अध्यक्ष (अध्यक्ष देश) और एक सह-अध्यक्ष देश होता है। जी-20 एसीडब्ल्यूजी 2023 का सह-अध्यक्ष देश इटली है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की जी-20 अध्यक्षता ने जैसे धन-परिशोधन, संपत्ति की वसूली और लाभकारी स्वामित्व जैसे मुद्दों को संबोधित करके वैश्विक भ्रष्टाचार-रोधी प्रयासों का तेजी से पता करके अन्य 19 शक्तियों के साथ एकजुट होकर वैश्विक दक्षिण (दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, एशिया व ओसिनिया) की आवाज बनने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

उन्होंने आगे बताया कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 के सदस्य राष्ट्र भविष्य की कार्रवाई के क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करेंगे। इनमें उन प्रक्रियाओं को कार्यान्वित करना है, जिनसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों का पता लगाया जा सकता है और तेजी से उसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इसके अलावा विदेशों में स्थित उनकी संपत्तियों को देश के कानून की पहुंच के दायरे में लाया जाना है, जहां से ऐसे अपराधी बच निकलते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कार्य समूह के विषय पर चर्चा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पर जोर दिया कि भ्रष्टाचार एक मुसीबत है, जो संसाधनों के प्रभावी उपयोग व समग्र प्रशासन को प्रभावित करता है और गरीब व हाशिये पर रहने वाले लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। भारत की अध्यक्षता का उद्देश्य भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई व चोरी की संपत्ति की वसूली के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि जी-20 एसीडब्ल्यूजी आपराधिक मामलों में घरेलू कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए मौजूदा पारस्परिक कानूनी सहायता ढांचे में सुधार और तंत्र को सरल बनाने के लिए सूचनाओं के सक्रिय आदान-प्रदान पर कार्य करेगा।

भारत की अध्यक्षता भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी व्यापक रणनीति में चोरी की संपत्ति की वसूली और वापसी को प्राथमिकता देने में जी-20 देशों की सहायता करेगी। इसके लिए संपत्ति का पता लगाने व पहचान तंत्र की प्रभावशीलता में बढ़ोतरी, अवैध संपत्तियों को तेजी से नियंत्रण करने के लिए तंत्र विकसित करना और ओपन-सोर्स सूचना व संपत्ति वसूली नेटवर्क के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना प्रमुख केंद्रित क्षेत्र होंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में जी-20 देशों के बीच अनौपचारिक सहयोग के महत्व और सहयोग के मौजूदा तंत्र के उपयोग को बढ़ाने में सदस्य देशों के प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण की सुविधा के लिए एक ज्ञान केंद्र के निर्माण को रेखांकित किया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पारदर्शी नियामक ढांचा और प्रभावी आंतरिक नियंत्रण तंत्र मौजूदा समय की मांग है। उन्होंने बताया कि एसीडब्ल्यूजी की पहली बैठक के तहत सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने पर एक ‘साइड इवेंट’ की भी योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य पूरे विश्व में भ्रष्टाचार से लड़ने में आईसीटी की भूमिका और भारत की ओर से भ्रष्टाचार को कम करने व इसके समाधान के लिए अपनाई गई पहलों के बारे में विस्तार से जानकारी देना है। उन्होंने आगे कहा कि भारत इस साइड इवेंट के दौरान नागरिक-केंद्रित शासन प्रणाली को लागू करने से प्राप्त अपने अनुभव का उपयोग भ्रष्टाचार को रोकने, उसका पता लगाने और उससे लड़ने में सूचना व संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका बताएगा और उच्च पारदर्शिता और अनुभवों व सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को प्रदर्शित करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आशा व्यक्त की कि पहली एसीडब्ल्यूजी बैठक भ्रष्टाचार-रोधी जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा प्रदान करने, क्षमता निर्माण और सिविल सोसाइटी 20, थिंक टैंक 20, महिला 20 व व्यापार 20 जैसे मंचों के अनुभव के लाभों को वांछित रूप से शामिल करने के लिए एक ठोस प्रयास उत्पन्न करेगी।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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