- कांग्रेस शासित राज्यों की तरह हरियाणा में भी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन- हुड्डा
- कौशल निगम खत्म करके युवाओं पक्की नौकरियां देगी कांग्रेस सरकार, बुजुर्गों को मिलेगी 6000 पेंशन- हुड्डा
- बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को बनाया बेरोजगारी, अपराध, भ्रष्टाचार में नंबर वन- हुड्डा
- मजदूर विरोधी है बीजेपी, इसलिए श्रमिक कानूनों में किया बदलाव- उदयभान
- श्रमिकों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है बीजेपी सरकार- उदयभान
- निजी सेक्टर में निवेश लाने और सरकारी सेक्टर में भर्तियां करने में नाकाम है सरकार- उदयभान
गुरुग्राम, 12 फरवरी : कांग्रेस सरकार के दौरान हमने अपने मेनिफेस्टो का एक-एक वादा पूरा किया था जबकि बीजेपी और जेजेपी ने आज तक मेनिफेस्टो का एक भी वादा पूरा नहीं किया। इसलिए हम वादे निभाने के लिए जाने जाते हैं और बीजेपी-जेजेपी वादे तोड़ने के लिए। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज गुरुग्राम में हुए इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। यहां पहुंचने पर दोनों नेताओं का इंटक द्वारा जोरदार स्वागत किया गया।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मजदूर, कर्मचारियों समेत तमाम वर्गों के अधिकारों के लिए इंटक द्वारा किए जा रहे संघर्ष की सराहना की। सम्मेलन में रोडवेज, मनरेगा, मिड-डे मील से लेकर अलग-अलग मजदूर व कर्मचारी संगठनों ने अपनी समस्याएं गिनाई और मांगे रखी। हुड्डा ने उनकी मांगों को जायज मानते हुए कांग्रेस सरकार बनने पर इनको पूरा करने का भरोसा दिलाया।
हुड्डा ने राजस्थान की गहलोत सरकार समेत तमाम कांग्रेस सरकारों का पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही बताया कि चौधरी उदयभान के अध्यक्ष बनते ही हरियाणा कांग्रेस ने पार्टी की सरकार बनने पर कर्मचारियों को ओपीएस देने का ऐलान किया था। इसी तरह प्रदेश के सभी बुजुर्गों को ₹6000 प्रति माह बुढ़ापा पेंशन देने का वादा किया है। कांग्रेस अपने एक-एक वादे को निभाती है। यही वजह है कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 2014 से पहले हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन और विकास में अव्वल था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध और महंगाई में नंबर वन बना दिया है। आज प्रदेश में स्थिति ऐसी हो गई है कि स्कूल में टीचर, अस्पताल में डॉक्टर और सरकारी दफ्तर में कर्मचारी नहीं हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में मेट्रो लाइन से लेकर नई रेलवे लाइन बिछाने, कई यूनिवर्सिटी बनाने, थर्मल प्लांट्स स्थापित करने, मेडिकल कॉलेज, एम्स से लेकर सड़क, हाईवे और नेशनल हाईवे बनाने जैसे अनगिनत कार्य हुए। बावजूद इसके 1966 में हरियाणा बनने से लेकर कांग्रेस कार्यकाल तक प्रदेश पर 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। लेकिन पिछले 8 साल में प्रदेश में विकास का कोई भी कार्य नहीं हुआ। बावजूद इसके प्रदेश पर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज हो गया है। बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को कर्ज में डुबोने का काम किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज प्रदेश का किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार, व्यापारी, बुजुर्ग और बच्चे से लेकर कोई भी तबका खुश नहीं है। सरकार प्रदेश की युवा शक्ति का कौशल निगम जैसी ठेकाप्रथा के जरिए शोषण कर रही है। कांग्रेस सरकार बनने पर कौशल निगम को खत्म करके युवाओं पक्की नौकरियां दी जाएंगी।
इससे पहले चौधरी उदयभान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी को मजदूर विरोधी करार दिया। उन्होंने बताया कि बीजेपी सरकार ने श्रमिकों के कानूनों में फेरबदल करके उनके शोषण को बढ़ावा दिया। हमारे संविधान में नियम था कि कोई अगर मजदूर से 8 घंटे से ज्यादा काम लेगा तो उसे दोगुनी मजदूरी देने होगी। लेकिन बीजेपी ने इसमें बदलाव करके 8 घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया। साथ ही पूंजीपतियों को यह छूट दे दी कि वो मजदूर को कभी भी काम से निकाल सकता है।
चौधरी उदयभान ने इंटक से आह्वान किया कि नए श्रमिक कानूनों के खिलाफ किसानों की तरह मजबूती से आंदोलन करना पड़ेगा। जिस तरह किसानों ने बीजेपी को 3 कृषि कानून वापिस लेने के लिए मजबूर किया, इसी तरह मजदूरों को भी संगठित होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
उदयभान ने सरकार प्रदेश सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि उसने गुरुग्राम के बड़े होटल में निवेश समिट के नाम पर जनता का 200 करोड़ रुपया स्वाहा कर दिया। लेकिन निवेश के नाम पर प्रदेश को कुछ भी नहीं मिला। आज प्रदेश के युवाओं को ना निजी सेक्टर में रोजगार मिल रहा है और ना ही सरकारी। प्रदेश के सरकारी विभागों में 1,82,000 पद खाली पड़े हैं और युवा रोजगार के दरबदर भटकने को मजबूर हैं। बीजेपी-जेजेपी निजी सेक्टर में निवेश लाने और सरकारी सेक्टर में भर्तियां करने में नाकाम साबित हो रही है।