नई दिल्ली : धारा , रिवर सिटीज एलायंस (आरसीए) के सदस्यों की वार्षिक बैठक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) के सहयोग से पुणे में 13 से 14 फरवरी तक आयोजित की जा रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत कार्यक्रम के उद्घाटन के दिन मुख्य भाषण देंगे, जबकि आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर दूसरे दिन समापन सत्र को संबोधित करेंगे। धारा 2023 भारत में 95 सदस्यीय नदी शहरों के आयुक्त, अपर आयुक्त, मुख्य अभियंता और वरिष्ठ योजनाकार, स्थानीय जल निकायों के प्रबंधन सहित वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आपस में सीखने और समाधानों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
भारत की जी-20 अध्यक्षता के दायरे में अर्बन-20 (U-20) पहल के साथ इस आयोजन का मजबूत तालमेल है। यू-20 के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक शहरी जल सुरक्षा को बढ़ावा देना है। शहर की समग्र जल सुरक्षा को बढ़ाने में स्वस्थ नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। धारा 2023 दो दिवसीय आयोजन में कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें झील और तालाब के कायाकल्प से जुड़े शहरी नदी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के लिए प्रतिभागियों को कई अनूठे और अभिनव समाधानों से परिचित कराने के लिए ‘नदी से संबंधित नवोन्मेषी प्रथाओं पर राष्ट्रीय केस स्टडीज’ विकेंद्रीकृत प्रयुक्त जल प्रबंधन, नदी से संबंधित अर्थव्यवस्था को बढ़ाना, भूजल प्रबंधन और बाढ़ प्रबंधन तथा डेनमार्क जैसे देशों में नदी से संबंधित नवीन प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय मामले का अध्ययन’, इज़राइल में उपयोग किए गए पानी का पुन: उपयोग, नीदरलैंड में बाढ़ के मैदान प्रबंधन, संयुक्त राज्य अमेरिका में नदी स्वास्थ्य निगरानी, जापान में प्रदूषण नियंत्रण और ऑस्ट्रेलिया में जल संवेदनशील शहर डिजाइन पर सत्र शामिल हैं।
- भारत की जी-20 अध्यक्षता के दायरे में अर्बन-20 पहल के साथ धारा का मजबूत तालमेल
- कार्यक्रम के दूसरे दिन एक योग सत्र होगा और मुल्ला मुथा रिवरफ्रंट की यात्रा होगी
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2022 में पुणे में मुल्ला मुथा नदी के लिए एक प्रदूषण उपशमन परियोजना की आधारशिला रखी थी
- रिवर सिटीज एलायंस 2021 में 30 शहरों के साथ शुरू हुआ और वर्तमान में पूरे भारत में इसके 95 शहर सदस्य हैं
- आरसीए को 2021 में शहरी नदियों के सतत प्रबंधन के लिए चर्चा और सूचनाओं के आदान–प्रदान के लिए भारत भर के नदी शहरों के लिए एक समर्पित मंच के रूप में शुरू किया गया था।
- धारा 2023 का आयोजन सदस्य शहरों के नगर आयुक्तों के लिए शहरी नदी प्रबंधन के लिए संभावित शिक्षण समाधान खोजने के लिए किया जा रहा है।
- अपेक्षित परिणाम में तकनीकी समाधानों के संग्रह का विकास शामिल है जिसे शहर स्थानीय नदियों के प्रबंधन को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं
- धारा शहरों में नदी प्रबंधन के लिए अनसुलझे मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डालेगा और एक प्रभावी कार्य योजना तैयार करने में एनआईयूए तथा भागीदारों की मदद करेगा
कार्यक्रम के दूसरे दिन, एक योग सत्र और मुल्ला मुथा रिवरफ्रंट की यात्रा भी आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2022 में पुणे में मुल्ला मुथा नदी के लिए प्रदूषण निवारण परियोजना की आधारशिला रखी। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत परियोजना में कुल 396 एमएलडी क्षमता के 11 सीवेज उपचार संयंत्रों के निर्माण की परिकल्पना 990.26 करोड़ रुपये के लागत से की गई है। इस आयोजन में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्री मनुकुमार श्रीवास्तव, मुख्य सचिव, महाराष्ट्र, श्री जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन-एनएमसीजी, सुश्री सोनिया सेठी, प्रधान सचिव, शहरी विकास, महाराष्ट्र, सुश्री डी. थारा, अतिरिक्त सचिव, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय शामिल हैं।
धारा 2023 का आयोजन सदस्य शहरों के नगर आयुक्तों के लिए गहन चर्चा शुरू करने और शहरी नदी प्रबंधन के लिए संभावित शिक्षण समाधानों के साथ करने के लिए किया जा रहा है। इस आयोजन के अपेक्षित प्रतिभागियों में आरसीए (आयुक्त/अतिरिक्त आयुक्त), केंद्र और राज्य सरकार के गणमान्य व्यक्ति, नागरिक एनआईयूए तथा एनएमसीजी, थिंकटैंक (एनजीओ और विचारक नेता), विद्यार्थी एवं युवा नेता, राष्ट्रीय विशेषज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ, स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि, एजेंसियां, निजी क्षेत्र के हितधारक, फंडिंग एजेंसियां और मीडिया के लोग शामिल होंगे।
चयनित राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु) के प्रधान सचिवों (शहरी विकास) के साथ सत्र में एजेंडे को मजबूत करने और शहरी नदी प्रबंधन से संबंधित प्राथमिकताओं को निर्धारित करने पर चर्चा शामिल होगी। इस आयोजन में आरसीए सदस्यों द्वारा प्रस्तुतियां भी होंगी जो आयुक्तों को उनके शहरों में शुरू की गई नदियों और जल निकायों से संबंधित दिलचस्प काम प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेंगी।
नदी से संबंधित परियोजना के लिए वित्त पोषण सलाह पर सत्र नदी से संबंधित परियोजनाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वित्त पोषण की रूपरेखा तैयार करेगा। इस सत्र के शिखर सम्मेलन में विश्व बैंक, एजेन्स फ्रांसेइस डे डेवलपमेंट (एएफ़डी), डेनमार्क का दूतावास, अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफ़आईडी), केएफ़डबल्यू विकास बैंक, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए), और निजी उद्यम (सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से) शामिल होंगे। प्रौद्योगिकी और नवाचार पर सत्र नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों की एक प्रदर्शनी के रूप में है जिनका उपयोग नदी प्रबंधन के लिए किया जा सकता है। ये प्रौद्योगिकियां डेटाबेस और निगरानी, रिवरफ्रंट विकास, पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन और ऐप और आईटी से संबंधित नवाचार से संबंधित हैं। शहरी नदियों के प्रबंधन के लिए अपने विचारों को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों को अवसर प्रदान करने के लिए युवाओं के साथ ‘नदियों के लिए युवा’ सत्र भी आयोजित होगा।
धारा 2023 का अपेक्षित परिणाम आरसीए के सदस्यों को अपने शहरों में शहरी नदी प्रबंधन के लिए प्रगतिशील कार्यों में संलग्न होने के लिए प्रेरित करना है। यह भी आशा की जाती है कि यह आयोजन शहरों में नदी प्रबंधन के लिए अनसुलझे मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डालेगा, जो एनआईयूए और उसके भागीदारों को एक प्रभावी कार्य योजना तैयार करने में मदद करेगा। यह आयोजन उन तकनीकी समाधानों का संग्रह भी विकसित करेगा जिन्हें शहर अपनी स्थानीय नदियों के प्रबंधन को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं।
रिवर सिटीज एलायंस (आरसीए) 2021 में 30 शहरों के साथ शुरू हुआ था और वर्तमान में पूरे भारत में इसके 95 शहर सदस्य हैं। आरसीए को श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा नवंबर 2021 को भारत में नदी शहरों के लिए एक समर्पित मंच के रूप में शुरू किया गया था, ताकि शहरी नदियों के स्थायी प्रबंधन के लिए सूचनाओं पर विचार, चर्चा और आदान-प्रदान किया जा सके। रिवर सिटीज़ एलायंस, दुनिया में अपनी तरह का पहला एलायंस, दो मंत्रालयों यानी जल शक्ति मंत्रालय और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की सफल साझेदारी का प्रतीक है। एलायंस तीन व्यापक विषयों- नेटवर्किंग, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता पर केंद्रित है।