Delhi: भारत ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनेगा, यह बात सन 2021 में पीएम ने कही थी, आज इसे प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई . केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी .
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, साल 2021 में ग्लासको में पीएम ने भारत की ओर से महात्वाकांक्षी योजना की बात कही थी. 2021 में 15 अगस्त को ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर घोषणा की थी. नए जॉब की बात भी कही थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है. उन्होंने बताया कि भारत में लो कास्ट ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर इंसेटिव दिया जाएगा. 17490 करोड़ रुपये इंसेटिव में खर्च होंगे. 400 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान होगा.
उन्होंने कहा कि, देश में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देना का हर संभव प्रयास किया जाएगा. सन 2047 तक ऊर्जा को लेकर आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा गया है. देश में अलग-अलग सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग बढ़ाने के लिए मिशन डायरेक्टर ऐसे व्यक्ति को लिया जाएगा जो इस सेक्टर में जानकारी रखता हो.
उन्होंने कहा कि, भारत ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में ग्लोबल हब के रूप में उभर सकेगा. साल 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन मिशन में 8 लाख करोड़ डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट होगा. इससे छह लाख जॉब क्रिएट होंगे.
उन्होंने कहा कि, केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट के सुन्नी हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक डैम को मंजूरी दी है. इसकी क्षमता 382 मेगावाट की है. यह पांच साल तीन महीने में पूरा होगा. इससे हिमाचल में हजारों की जॉब क्रिएट होंगे. इससे हिमाचल को 13% बिजली मुफ्त में दी जायेगी
मोदी केबिनेट ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी
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