गुरुग्राम जिला में ग्रैप का तीसरा चरण लागू, वायु प्रदूषण के कारकों पर प्रतिबंध और कड़े होंगे

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– निर्माण तथा तोड़ फोड़ गतिविधियों पर तुरंत प्रभाव से लगी रोक

– उद्योगों के संचालन के लिए भी हिदायतें जारी

– डीसी निशांत कुमार यादव ने सभी सम्बंधित एजेंसियों को ग्रैप के तीसरे चरण अनुसार कार्य करने के दिए निर्देश

गुरुग्राम, 30 अक्टूबर। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गम्भीर’ श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका के चलते गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का तीसरा चरण तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है ताकि वायु गुणवत्ता का स्तर और ख़राब ना हो । वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने ग्रेप के तीसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले व दूसरे चरण में लागू प्रतिबंधों के साथ ही तीसरे चरण के प्रतिबंध भी प्रभावी कर दिए गए हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने गुरुग्राम ज़िला में सभी सम्बंधित एजेंसियों को इन आदेशों की पालना सुनिश्चित कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।

उद्योगों के संचालन संबंधी आदेश – 

ग्रेप के तीसरे चरण के तहत पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई वाले औद्योगिक क्षेत्रों में एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधन का प्रयोग करने वाले उद्योगों को ही संचालन की अनुमति होगी, बाकी के संचालन पर बैन रहेगा। ऐसे औद्योगिक क्षेत्र, जिनमें पीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई नहीं है और वे एनसीआर के लिए स्वीकृत इंधन का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, वहां पर उद्योगों को रेगुलेट किया जाएगा। ऐसे उद्योगों को इस वर्ष 31 दिसंबर तक सप्ताह में 5 दिन संचालन की अनुमति होगी। इनमें पेपर और पल्प प्रोसेसिंग, डिस्टलरी और कैपटिव थर्मल पावर प्लांट शनिवार और रविवार को बंद रखे जाएंगे। इसी प्रकार, धान अथवा चावल प्रोसेसिंग यूनिट सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगे और टेक्सटाइल अथवा गारमेंट और डाई प्रोसेसिंग सहित अपैरल्स की इकाइयां बुधवार और बृहस्पतिवार को बंद रखी जाएंगी। इनके अलावा औद्योगिक इकाइयां, जो उपरोक्त श्रेणियों में नहीं आती, उनका संचालन शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेगा।

उपायुक्त श्री यादव ने बताया कि 1 जनवरी 2023 से जिला में, जो इकाइयां एनसीआर के लिए स्वीकृत इंधन अथवा फ्यूल की स्टैंडर्ड सूची वाले ईंधन का प्रयोग नहीं कर रही हैं, उनके संचालन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।

दूध, डेयरी इकाइयों & जीवन रक्षक दवा निर्माताओं को रियायत —

दूध तथा डेरी इकाइयों और जीवन रक्षक मेडिकल उपकरण या दवा बनाने वाली इकाइयों को इन प्रतिबंधों में रियायत दी गई है।

निर्माण तथा तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध, कुछ श्रेणियों को छूट भी –

निर्माण तथा तोड़फोड़ गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन प्रतिबंधों में कुछ श्रेणियों के प्रोजेक्टों को छूट भी दी गई है जिनमें रेलवे सेवाएं व रेलवे स्टेशन, स्टेशन सहित मेट्रो रेल सेवाएं, एयरपोर्ट तथा अंतर राज्यीय बस टर्मिनल, राष्ट्रीय सुरक्षा व डिफेंस संबंधी गतिविधियां अथवा राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट, अस्पताल अथवा हेल्थ केयर सुविधाएं तथा रेखांकित जन सुविधा वाले प्रोजेक्ट जैसे कि राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़कें,फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन इत्यादि शामिल हैं। इनके अलावा, स्वच्छता संबंधी परियोजनाएं जैसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा जलापूर्ति परियोजनाएं और उपरोक्त श्रेणियों की गतिविधियों से जुड़ी या उनकी पूरक परियोजनाओं को भी आदेशों में छूट दी गई है। यह छूट भी इस शर्त पर होगी कि संबंधित एजेंसियां सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों, धूल पर नियंत्रण उपायों के साथ आयोग द्वारा समय-समय पर जारी की गई हिदायतों का सख्ती से पालन करेंगी।

स्वीकृत फ्यूल का प्रयोग नहीं करने वाले ईट भट्टे तथा हॉट मिक्स प्लांट रहेंगे बंद –

उपायुक्त श्री यादव ने बताया कि ग्रैप के तीसरे चरण में एनसीआर क्षेत्र के लिए स्वीकृत इंधन का प्रयोग नहीं करने वाले ईट भट्ठा तथा हॉट मिक्स प्लांट के संचालन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। इसी प्रकार, स्टोन क्रेशर बंद रखे जाएंगे और माइनिंग गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।

सड़कों की सफाई मशीनों से हो-

श्री यादव ने बताया कि ग्रैप की तीसरी स्टेज के तहत संबंधित एजेंसियों को सड़कों पर मशीनी या वैक्यूम आधारित सफाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन एजेंसियों से कहा गया है कि धूल उड़ने से रोकने के लिए पीक हॉर्स से पहले ज्यादा यातायात वाली सड़कों पर प्रतिदिन के आधार पर पानी का छिड़काव हो और लैंडफिल वाले स्थलों पर धूल का निस्तारण सही तरीके से हो। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं बढ़ाई जाए।

न गतिविधियों पर रहेगा बैन –

उपायुक्त श्री यादव ने बताया कि अब खुदाई तथा बोरिंग या ड्रिलिंग संबंधी कार्यों सहित मिट्टी भराई कार्यों पर रोक रहेगी। इसी प्रकार सभी प्रकार के निर्माण कार्यों जिनमें फेब्रिकेशन और वेल्डिंग संचालन, तोड़फोड़ संबंधी कार्य, प्रोजेक्ट साइट के अंदर या बाहर से निर्माण सामग्री की लोडिंग या उतरना, फ्लाई ऐश सहित कच्चे माल का कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ट्रांसफर करना, कच्चे रास्तों पर वाहनों का आवागमन, बैचिंग प्लांट का संचालन, सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज तथा बिजली की केबल बिछाने के लिए खुदाई करने, टाइलों, पत्थरों तथा अन्य फर्श सामग्री की कटिंग व लगाने, ग्राइंडिंग गतिविधियों, वाटर प्रूफिंग कार्य, सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज की मरम्मत या निर्माण आदि कार्य प्रतिबंधित रहेंगे।

निर्माण परियोजनाओं में भी प्रदूषण रहित कार्यों को जारी रखने की रहेगी अनुमति –

डीसी श्री यादव ने बताया कि निर्माण परियोजनाओं में भी ऐसी गतिविधियां जिन से प्रदूषण नहीं होता जैसे कि पलंबर का कार्य, इंटीरियर डेकोरेशन, बिजली फिटिंग या कार्पेंट्री संबंधी कार्यों के संचालन को जारी रखा जा सकता है।

नागरिकों से उपायुक्त ने की अपील-

डीसी श्री यादव ने जिला में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सभी जिला वासियों से भी अपील की है कि वे ऐसे उपाय अपनाएं जिससे कि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। उदाहरण के तौर पर आवागमन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें या थोड़ी दूरी के लिए पैदल अथवा साइकिल और कार्यालय के लिए वाहन शेयर करें। जो लोग घर से काम कर सकते हैं वे वर्क फ्रॉम होम को अपनाएं। कोयले अथवा लकड़ी का प्रयोग ना करें। एकल घरों के मालिक या ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लोग अपने सिक्योरिटी स्टाफ को सर्दियों में इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध करवाएं ताकि खुले में आग ना जलाएं।

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