डाक कर्मयोगी : केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया
‘डाक कर्मयोगी’ पोर्टल लगभग 4 लाख ग्रामीण डाक सेवकों और विभागीय कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाएगा
पोर्टल प्रशिक्षुओं को समान मानकीकृत प्रशिक्षण सामग्री तक पहुंच प्रदान करेगा ताकि वे ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए कई जी2सी सेवाओं को प्रभावी ढंग से दे सकें
डाक विभाग के कर्मचारियों के अच्छे प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए मेघदूत पुरस्कार प्रदान किया गया
नई दिल्ली : संचार, रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने इंडिया हैबिटाट सेंटर के स्टीन ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में डाक विभाग के एक ई-लर्निंग पोर्टल ‘डाक कर्मयोगी’ की आज शुरूआत की।
इस पोर्टल को ‘मिशन कर्मयोगी’ की परिकल्पना के तहत ‘संस्थान में’ विकसित किया गया है. इसकी संकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सरकार के सभी कर्मचारियों के कार्यों में दक्षता लाने और ‘न्यूनतम सरकार’ और ‘अधिकतम शासन’ के साथ नौकरशाही की कार्य क्षमता में बदलाव लाने के उद्देश्य से की थी। ।
‘डाक कर्मयोगी’ पोर्टल लगभग 4 लाख ग्रामीण डाक सेवकों और विभागीय कर्मचारियों की दक्षताओं में वृद्धि करेगा, जिससे प्रशिक्षुओं की समान मानकीकृत प्रशिक्षण सामग्री तक ऑनलाइन या मिश्रित कैंपस मोड तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके ताकि वे ग्राहक की बेहतर संतुष्टि के लिए कई जी2सी सेवाओं को प्रभावी ढंग से वितरित कर सकें। अंतिम योगात्मक मूल्यांकन के सफल समापन पर, एक स्वत: तैयार पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाण पत्र प्रशिक्षु के पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। प्रशिक्षु प्रत्येक वीडियो और अन्य शिक्षण सामग्री के लिए अपनी प्रतिक्रिया, रेटिंग और सुझाव दे सकते हैं ताकि आवश्यक संवर्धन सुनिश्चित किया जा सके।
डाक विभाग अपने 10 डाक प्रशिक्षण केंद्रों/क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र और रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी (आरएकेएनपीए), केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान के नेटवर्क के माध्यम से अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है। हालांकि, इस पोर्टल के शुभारंभ के साथ, विभागीय कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक अपनी सुविधा के अनुसार ‘कभी भी, कहीं भी’ प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे और अपने दृष्टिकोण, कौशल तथा ज्ञान (एएसके) को अपनी सुविधानुसार अपडेट कर सकेंगे। यह पोर्टल कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों को अपग्रेड करके बेहतर सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होकर लम्बा सफर तय करेगा।
डाक विभाग के कर्मचारियों के अच्छे प्रदर्शन को पहचानने और उन्हें अपने अच्छे काम को बनाए रखने या सुधारने के लिए प्रेरित करने के लिए कार्यक्रम के दौरान रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान ने आठ अलग-अलग श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार भी प्रदान किए।
डाक विभाग के निम्नलिखित कर्मचारियों को वर्ष 2021 के लिए मेघदूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया है:
(i) अशोक कुमार साहू, जीडीएस बीपीएम, कटक साउथ डिवीजन, ओडिशा सर्कल – वे जनता के बीच वित्तीय जागरूकता पैदा करने और उन्हें डाकघर बचत बैंक तथा भारतीय डाक भुगतान बैंक के तहत खाते खोलने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीण डाक जीवन बीमा के तहत ग्रामीण लोगों का जीवन बीमा करने में उनका योगदान सराहनीय है।
(ii) प्रेम लाल, मेल रनर, मंडी डिवीजन, हिमाचल प्रदेश सर्कल – वे लाहौल के उदयपुर शालग्रान मेल लाइन में मेल रनर के रूप में काम कर रहे हैं, जो कठिन इलाके में 32 किलोमीटर की दूरी को समुद्र से 9000 फीट से अधिक की ऊंचाई के साथ पूरा करता है। यह वर्ष के अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है और सर्दियों के दौरान हिमस्खलन के लिए जाना जाता है। जोखिम और खतरों से भरपूर इस लाइन पर चलते हुए, श्री प्रेम लाल अपनी दैनिक यात्रा में निर्बाध रूप से आना-जाना करते हैं।
(iii) धनंजय टी, डाक सहायक, अंचल कार्यालय, कर्नाटक सर्कल – ‘अधिकतम ट्रांसमिशन यूनिट’ के मूल्य के संशोधन के उनके विचार ने कम बैंडविड्थ पर फिनेकल के प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने डाक जीवन बीमा (पीएलआई) के प्रीमियम के ऑनलाइन भुगतान, प्रोत्साहन भुगतान, पीएलआई प्रीमियम की शुद्ध वृद्धि की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर टूल विकसित किए हैं जिसने पीएलआई ऑपरेशन को उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया।
(iv) विजेंद्र सिंह राणा, तकनीकी पर्यवेक्षक, मेल मोटर सेवा, दिल्ली सर्किल – उन्होंने सीएनजी वाहनों की मरम्मत के लिए ‘वर्कशॉप उपकरणों’ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एमएमएस ऑपरेशन में वाहनों के मैकेनिकल सुधार में अभिनव दृष्टिकोण अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है।
(v) संदीप गुंडू कडगांवकर, एएसपी, गोवा क्षेत्र, महाराष्ट्र सर्कल – उन्होंने निगरानी के लिए ‘क्लस्टर दृष्टिकोण’ अपनाया जिसके परिणामस्वरूप राजस्व लक्ष्यों और परिचालन दक्षता की उच्च स्तर की उपलब्धि हुई। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पात्र लड़कियों की 100 प्रतिशत कवरेज के लिए विशेष अभियान ‘सुवर्णकन्या’ चलाया।
(vi) रणधीर कुमार, सहायक निदेशक, अंचल कार्यालय, बिहार सर्किल – उन्होंने ‘आधार सक्षम भुगतान प्रणाली’ के माध्यम से आम लोगों के दरवाजे पर माइक्रो-एटीएम सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कर्मचारियों को प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को लागू करने, डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) और भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) का कवरेज बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
(vii) चल्ला श्री नागेश, उप प्रबंधक, सीईपीटी, हैदराबाद – उन्होंने ‘डी-क्यूब’ सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिसका उपयोग लाभार्थियों को मनरेगा मजदूरी के वितरण के लिए किया जाता है। उन्होंने ग्रामीण डाक सेवक ऑनलाइन अनुबंध पोर्टल के विकास में अत्यधिक योगदान दिया।
(viii) के. कलाईवानी, सहायक निदेशक, दक्षिणी क्षेत्र, मदुरै, तमिलनाडु सर्कल – उन्होंने डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) के संचालन को कोर बैंकिंग समाधान में स्थानांतरित करने और डाकघरों में मैककैमिश के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने समयबद्ध तरीके से शिकायतों का निपटान सुनिश्चित करने के लिए कठोर निगरानी तंत्र भी विकसित किया।
मेघदूत पुरस्कार की शुरूआत 1984 में की गई थी। सम्पूर्ण प्रदर्शन और उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर डाक विभाग का यह सर्वोच्च पुरस्कार है। पुरस्कार आठ श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार विजेताओं को पदक, प्रमाण पत्र और 21,000/- रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।