-गृहमंत्री ने कहा , फ्लाइट सिमुलेटर में बैठकर लोग ले सकेंगे हवाई यात्रा का आनंद
– नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम दिल्ली व कोलकाता की आर्किटेक्चर टीम ने आर्यभट्ट साइंस सेंटर का निरीक्षण किया
-दो चरणों में होगा साइंस सेंटर का निर्माण
-लाइव वेदर जानकारी मिलेगी साइंस सेंटर में
चंडीगढ़, 01 नवम्बर- हरियाणा के गृहमंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि अम्बाला में निर्माणाधीन आर्यभट्ट रीजनल साइंस सेंटर उत्तर भारत का सबसे बेहतरीन साइंस सेंटर होगा जहां विज्ञान से जुड़े विभिन्न पहलुओं को बखूबी ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया सेंटर में फ्लाइट सिमुलेटर भी लगेगा जिसके जरिए लोग बिना हवाई जहाज में बैठे हवाई यात्रा का आनंद ले पाएंगे। साइंस सेंटर विद्यार्थियों के लिए सबसे लाभदायक होगा जिन्हें साइंस गैलरी में लाइव वेदर के अलावा अंतरिक्ष विज्ञान, गणित एवं अन्य रोचक जानकारियां हासिल हो सकेंगी।
सोमवार को दिल्ली से नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के डायरेक्टर डी रामा शामा, कोलकाता से आर्किटेक्चर पारथा दास के अलावा साइंस एंड टेक्नॉलजी विभाग हरियाणा से साइंटिफिक इंजीनियर विशाल गुलिया, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन रितेश अग्रवाल व अन्य अधिकारियों की टीम ने मौके पर निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरांत अधिकारियों ने गृह मंत्री विज से भी चर्चा की।
गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि जीटी रोड पर 5 एकड़ भूमि पर 36 करोड़ रुपए की लागत से आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। साइंस सेंटर अपनी तरह का सबसे बड़ा व यूनिक रिजनल साइंस सेंटर होगा। तीन मंजिला बनने वाले साइंस सेंटर में विद्यार्थियों को आधुनिक तरीके से रोचक व अन्य जानकारियां दी जाएंगी जिससे उनकी विज्ञान में रुचि और बढ़ेगी। बच्चों के अलावा अन्य वर्गों के लिए भी साइंस सेंटर भी विभिन्न जानकारियां होंगी। यह ऐसा साइंस सेंटर होगा जिसमें लाइव वेदर को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा और वर्चुअल तरीके से भी अन्य जानकारियों को दर्शाया जाएगा। सेंटर का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेंटर के बनने से अम्बाला के लोगों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। साइंस सेंटर पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा। हरियाणा के अलावा विभिन्न राज्यों से लोग इसे देख पाएंगे क्योंकि समूचे उत्तर भारत में यह साइंस सेंटर अलग किस्म का होगा।
दो चरणों में पूरा होगा साइंस सेंटर : डी रामा शामा
निरीक्षण के उपरांत दिल्ली से नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के डायरेक्टर डी रामा शामा ने बताया कि दो चरणों में इसका निर्माण कार्य पूरा करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में ग्राउंड और प्रथम फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह निर्माण पूरा होने पर साइंस सेंटर में लगने वाले उपकरणों को लगा दिया जाएगा। ऐसा करने से सेंटर को दो फ्लोर को लोगों के लिए चालू किया जा सकेगा। दूसरे चरण में द्वितीय तल व तृतीय फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। सेंटर में ग्राउंड व तीन फ्लोर होंगे। उन्होंने बताया कि अम्बाला में बन रहा साइंस सेंटर एक आधुनिक सेंटर होगा। इसका स्तर रिजनल साइंस सेंटर से भी ऊंचा होगा। उत्तर भारत में इस स्तर का साइंस सेंटर केवल अम्बाला में होगा।
यह सुविधाएं होंगी अलग-अलग फ्लोर पर
ग्राउंड फ्लोर : साइंस सेंटर के ग्राउंड फ्लोर में डिजीटल एडवेंचर गैलरी, एग्जीबिशन हॉल, कांफ्रेंस हॉल, आडिटोरियम (132 सीट), दो लिफ्ट, शौचालय, प्रोजेक्ट हेड रूम, फ्लाइट सिमुलेटर, एग्जीबिशन डिवेल्पमेंट आदि की व्यवस्था होगी।
प्रथम फ्लोर : फन साइंस गैलरी, तारामंडल, साइंस व्याख्यान, वीआर थिएटर, 270 डिग्री प्रोजेक्शन हॉल, इलेट्रिक्ल रूम, टॉयलेट, हैंडीकैप टायलेट ऑफिस, इनोवेशन हब होगा।
द्वितीय फ्लोर : साइंस ऑफ स्पोर्टस गैलरी, होर्टिकल्चर टेक्नॉलजी, एग्रीकल्चर टेक्नॉलजी, नैनो टेक्नॉलजी, इलेक्ट्रिकल रूम व ऑफिस होगा।
तृतीय फ्लोर : डिफेंस टेक्नॉलजी गैलरी, हिमालय की वादियां का डिजिटल प्रेजेंटेशन, आकाश को देखने के लिए ओपन स्पेस, बॉयो टेक्नालजी गैलरी व अन्य वस्तुएं प्रदर्शित होंगी।