नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने आज पूसा, नई दिल्ली में पौधा प्राधिकरण भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि पौधा प्राधिकरण के माध्यम से किसानों के अधिकारों का संरक्षण हो रहा है, जिसके लिए भारतीय संसद ने दुनिया के लिए यह एक अनूठा मॉडल दिया है। इससे किसान अपनी परंपरागत किस्मों के ऊपर और किसी अन्य किस्म के अपने ही पैदा किए हुए बीज के ऊपर अधिकार प्राप्त कर सकता है। साथ ही, यह भी सुविधा है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से किसानों का शोषण न हो। किसान पहले की तरह स्वतंत्रता से खेती कर सकते हैं व पौधा प्रजनक भी अपने पूरे अधिकार का संरक्षण कर सकते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के गतिशील नेतृत्व में राष्ट्रीय आईपीआर नीति-2016, नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं व संशोधनों के जरिये लागू की गई है। जहां अन्य आईपीआर वाणिज्य मंत्रालय से सम्बद्ध है, जबकि पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सम्बद्ध है और केवल इसी आईपीआर के लिए फसलों को उगाया जाता है तथा तुलना व विश्लेषण के बाद पूरी तरह से अनुसंधान द्वारा सृजित प्रायोगिक डाटा के बाद ब्रीडर द्वारा किए गए दावे को सत्यापित करने के बाद ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। नई आईपीआर नीति के तहत, आईपीआर प्राधिकरणों को सरकार द्वारा आवश्यक जनशक्ति व बुनियादी ढांचा प्रदान कर मजबूत किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भवन निर्माण के रूप में ये बड़ा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर पीपीवीएफआरए को भी सशक्त किया रहा है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि इस भवन के बनने से प्राधिकरण के न्यायालयों की स्थापना के लिए एक मंजिल व अन्य समर्थन प्रणालियों के साथ रजिस्ट्री कार्य के लिए दो मंजिलों की व्यवस्था रहेगी, जिससे आगंतुक किसानों व उपभोक्ताओं को आसानी होगी। आशा है कि नए कार्यालय भवन में अगले साल से काम होने लगेगा।
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी वसुश्री शोभा करंदलाजे, सचिव संजय अग्रवाल, राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्रप्राधिकरण के सीईओ अशोक दलवई, पीपीवीएफआरए के अध्यक्ष डॉ. के.वी. प्रभु, संयुक्त सचिव (बीज) अश्विनी कुमार, एएसआरबी के अध्यक्ष डॉ ए.के. मिश्रा, आईसीएआर के डीडीजी, आईएआरआई डायरेक्टर, उ.प्र. राज्य निर्माण निगम के अधिकारी, आर्किटेक्ट, निर्माण परियोजना के इंजीनियर मौजूद थे। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने परियोजना की जानकारी ली तथा निर्माण स्थल पर पौधारोपण भी किया।