भारत दुनिया की सुरक्षा के लिए जी-20 देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध : भूपेंद्र यादव

Font Size

नई दिल्ली : पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज कहा कि भारत एक ऐसे बेहतर विश्व, जिसमें कोई भी पीछे न छूटे, के लिए जी20 देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही इस ग्रह व यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए वैश्विक समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है।

जी20 पर्यावरण मंत्रिस्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए पर्यावरण मंत्री ने मौजूदा कोविड-19 संकट से निपटने के लिए एक सामूहिक वैश्विक कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है और कहा कि इस दिशा में विकासशील देशों को पहले से कहीं ज्यादा हर संभावित मदद की जरूरत है। आज नेपल्स, इटली में हुई जी20 पर्यावरण मंत्रिस्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने श्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में भाग लिया।

‘प्रकृति आधारित समाधानों’ (एनबीएस) और टिकाऊ वित्त पर भारतीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि संदर्भ और योजनाएं आर्थिक विकास के चरण, राष्ट्रीय परिस्थितियों और प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होनी चाहिए और विकासशील देशों की प्रतिस्पर्धा, समानता व विकास की कीमत पर इनका निर्धारण नहीं होना चाहिए।

समुद्री कूड़े की समस्या से पार पाने के मुद्दे पर, श्री यादव ने जोर देकर कहा कि भारत ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर स्वैच्छिक नियामकीय कदम उठाए हैं और उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण महासभा (यूएनईए) में भारत ने “एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक के उत्पादों के प्रदूषण के समाधान” पर रिजॉल्युशन संख्या 4/9 अलग से पेश किया था।

केंद्रीय मंत्री ने संसाधन दक्षता (आरई) और सर्कुलर इकोनॉमी (सीई) पर भारत द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जी20 संसाधन दक्षता संवाद से आरई और सीई पर विचारों, जानकारियों के आदान-प्रदान को मजबूती और बेहतर भविष्य के लिए टिकाऊ व समानता के साथ संसाधनों के उपयोग को समर्थन देना चाहिए।

दिन भर चली बैठक के दौरान, भारत ने यूनेस्को की इंटरनेशनल एन्वायरमेंट एक्सपर्ट्स नेटवर्क; 2030 तक वैश्विक भू क्षेत्र और समुद्रों की कम से कम 30 प्रतिशत रक्षा; 2030 तक लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी; समुद्री प्लास्टिक कचरे पर जी20 कार्यान्वयन रूपरेखा पर तीसरी रिपोर्ट आदि वैश्विक पहलों का स्वागत किया।

भारत ने पानी पर जी20 संवाद का भी स्वागत किया, लेकिन राष्ट्रीय परिस्थितियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने की बात दोहराई। साथ ही 2020 के बाद के जैव विविधता फ्रेमवर्क को प्रभावी और कार्यान्वयन योग्य बनाने पर जोर दिया।

You cannot copy content of this page