कोरोना संक्रमण की बढती रफ़्तार के मद्देनजर जारी किया आदेश
आगामी 30 अप्रेल प्रभावी रहेगा आदेश , जमानत लेने, स्थगन मांगने और सुपरदारी जैसे मामले की ही होगी सुनवाई
कुछ ख़ास मामले को छोड़कर वादी व प्रतिवादी को कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से दी गई छूट
लॉ एडवाइजर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट आर एल शर्मा ने डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज गुरुग्राम की ओर से जारी आदेश का स्वागत किया
सुभाष चौधरी
गुरुग्राम : गुरुग्राम जिला में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण जिला अदालत गुरुग्राम की कार्यवाही को भी नए सिरे से व्यवस्थित करने का आदेश जारी किया गया है। गुरुग्राम के डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सूर्य प्रताप सिंह ने कोरोना महामारी की आशंका के मद्देनजर आगामी 30 अप्रैल तक केवल अर्जेंट मैटर जिसमें जमानत लेने, स्थगन मांगने, सुपरदारी और इससे संबंधित विषय शामिल हैं की ही सुनवाई करने का ही आदेश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में यह साफ कर दिया है कि गुरुग्राम जिला अदालत में विचाराधीन कैदियों को अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही कोर्ट में पेश किया जाएगा .अगर व्यक्तिगत रूप से ऐसे विचाराधीन कैदियों को कोर्ट में पेश करने की आवश्यकता पड़ेगी तो संबंधित कोर्ट की ओर से अलग से आदेश जारी किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट लेबर लॉ एडवाइजर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट आर एल शर्मा ने डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज गुरुग्राम की ओर से जारी आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की बढती रफ़्तार को देखते हुए यह बेहद जरूरी था. अदालतों में बड़ी संख्या में फरियादी आते हैं. वर्तमान परिस्थिति में हमें कोर्ट प्रशासन का पूरा सहयोग करना चाहिए और कोविड 19 रोकथाम के लिए लिए गए निर्णयों का पालन करना चाहिए.
डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज की ओर से आज जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि टाइम बाउंड केस को छोड़कर किसी भी प्रकार का एविडेंस रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। ऐसे मामले जिसमें आरोपी 2 साल से अधिक समय से जेल में है में ही एविडेंस रिकॉर्ड किया जा सकता है। हालांकि संबंधित अदालतों द्वारा जारी गाइडलाइन भी प्रभावी होंगे।
आदेश में जिले के सभी वकीलों को जिला अदालत में कामकाज के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करने को कहा गया है. खासकर सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने और मास्क का उपयोग करने पर बल दिया गया है. वकीलों से अदालतों में उपस्थित होने के दौरान अनावश्यक भीड़ बढ़ाने से भी परहेज करने को कहा गया है. उन्हें आवश्यकतानुसार केवल एक असिस्टेंट या क्लर्क या फिर जूनियर वकील को साथ रखने की सलाह दी गई है।
डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि वादी या प्रतिवादी अपने वकीलों के साथ नहीं आएंगे तब तक जब तक की उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति कोर्ट के द्वारा आवश्यक ना समझा जाए।
अदालत में उपस्थित होने वाली सभी व्यक्तियों को मास्क और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग अत्यावश्यक बताया गया है।
उक्त आदेश में यह भी साफ कर दिया गया है कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकारों की ओर से समय-समय पर जारी होने वाले आदेश और उच्च न्यायालय द्वारा 8 फरवरी 2021 को जारी आधिकारिक आदेश भी प्रभावी रहेंगे।
गुरुग्राम ज्यूडिशल कोर्ट्स कंपलेक्स में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या में भी कमी करने का निर्णय लिया गया है. डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज के आदेशानुसार अब केवल 50% कर्मी ही अदालत में उपस्थित हो कर काम करेंगे जबकि बाकी 50% कर्मी अपने घर से ही अदालतों के कामकाज में आवश्यकतानुसार सहयोग करेंगे. उन्हें बिना अनुमति के शहर नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है।
नए मामले कोर्ट में दायर करने का समय प्रति कार्य दिवस को दोपहर 1:00 बजे तक का निर्धारित किया गया है।
किसी भी आरोपी की पहली पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिर दूसरे ऑनलाइन डिजिटल मोड से संबंधित पुलिस स्टेशन के द्वारा कराई जाएगी। संबंधित पुलिस अधिकारी अदालत के सामने मामले से संबंधित कागजात कोर्ट के सामने डिजिटल माध्यम से ही प्रस्तुत करेंगे।
आदेश में यह भी कहा गया है कि अन्य सामान्य विषय एवं मामले को स्थगित कर दिया जाएगा या फिर सुविधानुसार आगामी सुनवाई की तिथि निर्धारित की जाएगी जिसकी जानकारी सी आई एस पर अपलोड कर दी जाएगी।
अदालत में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर चेक किया जाएगा। केवल सामान्य तापमान वाले व्यक्ति को ही अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी न्यायिक अधिकारियों एवं अदालत में काम करने वाले अधिकारी व वकीलों के लिए 16 अप्रैल से कोविड-19 टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी।
जिला प्रशासन को गुरुग्राम जिला अदालत सोहना और पटौदी अदालत के प्रवेश स्थल पर सैनिटाइजेशन मशीन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है .
आदेश में बार एसोसिएशन गुरुग्राम के अध्यक्ष और सचिव को अदालत परिसर में चलने वाली कैंटीन और अन्य खाद्य वस्तुओं से संबंधित स्टाल को बंद कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
बार एसोसिएशन गुरुग्राम की ओर से डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज को आश्वस्त किया गया है कि सभी कोर्ट की गेट पर स्वयंसेवी तैनात किए जाएंगे जो अदालतों में वकीलों के प्रवेश की व्यवस्था को नियंत्रित करेंगे जिससे कोर्ट रूम में अनावश्यक भीड़ बढ़ने से रोका जा सके।