केंद्र सरकार ने वेंटिलेटरों के निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया

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कोरोना के मामलों में मृत्यु दर में तेज गिरावट को देखते हुए मंत्रियों के समूह का निर्णय

नई दिल्ली। कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए मेड-इन-इंडिया वेंटिलेटर के निर्यात की अनुमति प्रदान की है। इस निर्णय की सूचना विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) को प्रदान कर दी गई है, जिससे आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके और स्वदेश निर्मित वेंटिलेटरों के निर्यात को सुगम बनाया जा सके।

यह महत्वपूर्ण निर्णय भारत द्वारा कोविड-19 रोगियों के मामलों में मृत्यु दर की गिरावट को सफलतापूर्वक जारी रखने के बाद लिया गया है, जो वर्तमान में 2.15 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि कोविड-19 के सक्रिय मामलों में बहुत कम लोग वेंटिलेटर पर हैं। 31 जुलाई 2020 तक, पूरे देश में केवल 0.22 प्रतिशत सक्रिय मामले वेंटिलेटर पर थे। इसके अलावा, वेंटिलेटर के घरेलू विनिर्माण क्षमता में पर्याप्त मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है। जनवरी 2020 की तुलना में, वर्तमान समय में वेंटिलेटर के 20 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैं।

मार्च 2020 में वेंटिलेटर के निर्यात पर निषेध/प्रतिबंध लगा दिया गया था ताकि कोविड-19 से लड़ाई को प्रभावपूर्ण तरीके से लड़ने के लिए घरेलू उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। दिनांक 24 मार्च 2020 को डीजीएफटी की अधिसूचना संख्या 53 के द्वारा सभी प्रकार के वेंटिलेटर के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। अब वेंटिलेटर के निर्यात की अनुमति मिलने के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि घरेलू वेंटिलेटर विदेशों में भारतीय वेंटिलेटर के लिए नए बाजार को तलाश करने में सक्षम होंगे।

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