कोर्ट ने डीसीपी ईस्ट के रीडर के साथ मारपीट के मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने का दिया आदेश

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गुरूग्राम, 24 जून। जिला एवं सत्र न्यायधीश एम एम धोंचक की अदालत ने आपसी लड़ाई झगड़े के मामले में दो आरोपियों को ना केवल जमानत दी बल्कि गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वे इस मामले की जांच किसी आईपीएस अधिकारी से करवाएं। अदालत ने एफआईआर से आईपीसी की धारा 379बी भी हटाने के आदेश दिए हैं।


यह मामला आपसी लड़ाई झगड़े का था। शिकायतकर्ता श्यामसुंदर, जोकि गुरूग्राम में डीसीपी ईस्ट के रीडर हैं, गत 3 जून को सांय 6ः30 बजे जब कार एचआर26बीडी-7826 में मानेसर जा रहे थे तो उसी समय इको गाड़ी नंबर-एचआर55एएच-4383 ने एनएच-48 पर हल्दीराम अंडरपास के नजदीक उसे ओवरटैक करने की कोशिश की ।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब वह हल्दीराम अंडरपास को क्राॅस कर रहा था उस समय इको गाड़ी में सवार आरोपियों वेदप्रकाश और रवि ने उसकी कार के सामने गाड़ी लगाकर उसकी खिड़की खोली और उसके सिर पर रोड जैसी वस्तु से वार किया।

उसने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसका काॅलर पकड़कर गाड़ी से बाहर खींचा और उसका पर्स छीन लिया। उसकी कार की चाबी भी निकाल ली। जब उसने शोर मचाया तो पुलिस मौके पर पहंुची और आरोपियों को पुलिस के हवाले किया गया।


इसके बाद खेड़कीदौला थाने से एएसआई राजबीर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसने मौके पर जाकर घटनास्थल को देखा और गवाहों के बयान दर्ज किए। आरोपियों को हिरासत में लिया गया। लोहे की रोड, शिकायतकर्ता का पर्स, 2 हजार रूपये तथा इको कार को आरोपी वेदप्रकाश से पुलिस ने अपने कब्जे में लिया।

शिकायतकर्ता की कार की चाबी आरोपी रवि से रिकवर की गई। शिकायकर्ता श्यामसुंदर के दोबारा बयान देने पर एफआईआर में आईपीसी की धारा 506 और 341 भी जोड़ी गई थी। पुलिस ने वीडियो फुटेज को पैन ड्राइव में लिया।


इस मामले में आरोपियों वेदप्रकाश तथा रवि द्वारा जमानत की दरखास्त आज जिला एवं सत्र न्यायधीश एम एम धोंचक की अदालत में लगाई गई थी। पूरे मामले को सुनने के बाद अदालत ने दोनो आरोपियों को 40 हजार रूपये के व्यक्तिगत मुचलके पर जमानत मंजूर की और थानेदार व मानेसर के सहायक पुलिस आयुक्त की पुष्टि पर आरोपियों के खिलाफ लगाई गई धारा-379बी को भी एफआईआर से हटाने के आदेश दिए हैं।

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