मास्को। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मास्कों में मीडिया के लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वे रूस के रक्षा मंत्रालय के निमंत्रण पर विजय दिवस परेड की 75वीं वर्षगांठ में भाग लेने के लिए मास्को में हैं जो रूस और पूरी दुनिया के लिए सबसे शुभ अवसर है। द्वितीय विश्व युद्ध में जीत हासिल करने के लिए रूसी लोगों के असीम बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने बताया कि लाखों भारतीय सैनिकों ने भी उस युद्ध में भाग लिया था और उन्हें अपार जनहानि का सामना करना पड़ा था। उनमें से कई युद्ध के दौरान सोवियत सेना को सहायता प्रदान करने के प्रयासों से जुड़े थे। इसलिए, यह एक सम्मान की बात है कि कल रेड स्क्वायर में एक भारतीय सैन्य टुकड़ी भी मार्च करेगी। यह हमारे दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच चिरस्थायी मित्रता का प्रतीक है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मेरी यह मॉस्को यात्रा कोविड वैश्विक महामारी के बाद भारत से किसी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की पहली विदेश यात्रा है। यह हमारी विशेष मित्रता की निशानी है। इस वैश्विक महामारी की तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमारे द्विपक्षीय संबंध विभिन्न स्तरों पर अच्छे संपर्क बनाए हुए हैं। हम इस वर्ष के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर रूसी संघ के महामहिम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-रूस संबंध एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी है। हमारा रक्षा संबंध इसका एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। मुझे उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ अपने रक्षा संबंधों की समीक्षा करने का अवसर मिला और वैश्विक महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद इस होटल में आने के बाद मिले सम्मान के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। हमारी चर्चा काफी सकारात्मक और उत्पादक रही।
श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि मुझे आश्वस्त किया गया है कि मौजूदा अनुबंधों को बरकरार रखा जाएगा और न केवल बरकरार रखा जाएगा बल्कि कई मामलों में इन्हें कम समय में आगे बढ़ाया जाएगा। हमारे सभी प्रस्तावों पर रूसी पक्ष की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। मैं अपनी चर्चाओं से पूरी तरह संतुष्ट हूं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले आज सुबह रक्षा सचिव अजय कुमार ने अपने समकक्ष उप रक्षा मंत्री फोमिन के साथ विचार-विमर्श किया। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत और रूस के बीच पारंपरिक मित्रता मजबूत रहेगी। हमारे पारस्परिक हित ठोस हैं और हम हमारी विशेष मित्रता की भावना के साथ भविष्य में सहयोग की अपेक्षा करते हैं।
उनका कहना था कि मैं कल 75वीं विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं रूस के मित्रवत लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं, विशेष रूप से उन दिग्गजों को जिन्होंने हमारी साझा सुरक्षा में उल्लेखनीय योगदान किया है।