निर्भया मामला: फांसी पर रोक संबंधी दोषी की याचिका पर जल्द फैसला सुनाएगी अदालत

Font Size

नयी दिल्ली, दो मार्च । दिल्ली की एक अदालत साल 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी पवन कुमार गुप्ता की उस अर्जी पर जल्द ही फैसला सुनाएगी जिसमें उसने फांसी की सजा के तामील पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि उसने सोमवार को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन की उस ताजा अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें उसने मंगलवार सुबह के मृत्यु वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। न्यायाधीश ने सुधारात्मक और दया अर्जियां दायर करने में इतनी देरी करने के लिए दोषी के वकील की खिंचाई की।

पवन की सुधारात्मक याचिका इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी थी।

अदालत ने इससे पहले दिन में पवन और अक्षय कुमार सिंह की उन अर्जियों को खारिज कर दिया जिसमें दोनों ने अपने मृत्यु वारंटों पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

यद्यपि पवन के वकील ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने एक दया अर्जी दायर की है और फांसी की तामील पर रोक लगनी चाहिए। अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर भोजनावकाश के बाद आएं।

भोजनावकाश के बाद की सुनवायी के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, ‘‘आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।’’

सुनवायी के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है।

प्राधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति जेल प्रशासन से पवन की दया याचिका पर एक स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और जब वह होगा, उससे फांसी की तामील पर स्वत: ही रोक लग जाएगी।

You cannot copy content of this page