मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने नवनियुक्त अधिकारियों का किया मार्गदर्शन

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चंडीगढ़, 28 जनवरी- :  हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने हरियाणा सिविल सेवा एवं अलाइड सेवाएं परीक्षा के नवनियुक्त अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि लोगो की सुविधाओ हेतु जन योजनाएं बनाने का कार्य करना और उन्हें धरातल पर उतारकर जन-जन तक पहुंचाना प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

श्रीमती अरोड़ा आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा), गुरुग्राम में नवनियुक्त 134 अधिकारियों के पहले ज्वाइंट फाउंडेशन कोर्स के प्रारंभिक सेशन को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभागों के सचिव श्री नितिन यादव भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की अपेक्षा है कि आप सेवा, समर्पण एवं कर्मठता के साथ राष्ट्रहित में योगदान देकर आदर्श स्थापित करें और खुशहाल समाज और देश के निर्माण में भरपूर सहयोग दें। उन्होंने कहा कि आप सभी मैरिट पर इस सेवा में चयनित होकर आए हैं और अब यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि अंत्योदय की राह पर चलते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं को पारदर्शी तरीके एवं समयबद्ध ढंग से पहुंचाने में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन प्रदान करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। आई टी का प्रयोग करके विकास के लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार का ध्यैय है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनसाधारण की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए ई-गर्वनेंस पर बल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समय-समय पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उस समय अपने विवेक एवं धैर्य का प्रयोग करते हुए समाज हित में निर्णय लेना ही अधिकारी की असली परीक्षा है। जो इन परीक्षाओं में पास हो जाता है, वहीं सफल अधिकारी माना जाता है।

श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि हिपा, गुरुग्राम द्वारा करवाए जा रहे इस फाउंडेशन कोर्स का बहुत महत्व है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकारियों को प्रशासनिक, नियम और वित्तीय प्रबंधन के साथ-साथ सरकार के दैनिक कार्यों एवं गतिविधियों की बारीकियों से अवगत करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाना प्रशासनिक अधिकारियों का दायित्व बनता है और अधिकारियों को अपेक्षा रहित होकर जनहित में अपने निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। मुख्य सचिव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पंक्तियां याद दिलाते हुए कहा कि अधिकारी जब भी किसी निर्णय को लेकर किसी दुविधा में हों या आपका अहम आप पर हावी हो रहा हो तो आपको समझना होगा कि आपको सही फैसला कैसे लेना है। इससे ही एक अधिकारी की क्षमता की पहचान होती है।

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