चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस

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आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामला

नयी दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की तीन सदस्यीय पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ चिदंबरम की अपील पर यह नोटिस जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय को 25 नवंबर तक नोटिस का जवाब देना है। इस मामले में अब 26 नवंबर को आगे की सुनवाई होगी।

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह 25 नवंबर तक इस याचिका पर जवाब दाखिल करेंगे।

उच्च न्यायालय ने 15 नवंबर को चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में चिदंबरम के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उन्होंने इस अपराध में ‘सक्रिय तथा मुख्य भूमिका’ निभाई थी। अदालत ने कहा था कि इस तरह के आर्थिक अपराध के मामले में चिदंबरम को जमानत देने से जनता में गलत संदेश जायेगा।

कांग्रेस के 74 वर्षीय नेता चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के मामले में 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और इस समय वह निचली अदालत के आदेश पर 27 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में हैं।

इससे पहले, सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में उन्हें उच्चतम न्यायालय ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी लेकिन इससे पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

सीबीआई ने 15 मई 2017 को दर्ज मामले में आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रुपये का धन प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुयीं।

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी 2017 में ही इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया।

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