गुरूग्राम। गुरूग्राम जिला में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आज मंडलायुक्त अशोक सांगवान ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली और उन्हें प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बनाए गए एक्शन प्लान की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य रूप से अनाधिकृत रूप से कूड़ा डालने, कच्ची सड़क , कूड़ा जलाने आदि सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मंडलायुक्त ने कहा कि अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अपनी जिम्मेदारी ठीक से समझ ले और इस दिशा में गंभीरता से काम करें। उन्होंने कहा कि इस मामलें मे लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी और संबंधित क्षेत्र के अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी इसे केवल एक ड्यूटी के तौर पर ना समझे बल्कि इसे अपना नैतिक कर्तव्य समझे। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव अत्यंत भयावह है जिसके भविष्य में परिणाम घातक होंगे। इससे सांस संबंधी बीमारिया होने का भय रहता है। उन्होंने कहा कि आगामी 3-4 महीने हम सभी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है और हमें पर्यावरण संरक्षण को एक अभियान के तौर पर चलाने की जरूरत है।
बैठक में बताया गया कि उद्योग विहार में जिन साइटों पर अनाधिकृत रूप से कूड़ा फेंका जा रहा है उसका उठान व निपटान सुनिश्चित करें । बैठक में मंडलायुक्त ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में जिन स्थानों पर अनाधिकृत रूप से कूड़ा फेंका जाता है, उन स्थानों पर संबंधित विभाग अधिक सतर्कता से काम करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग अनाधिकृत से कूड़ा डालने वाले व्यक्ति के खिलाफ 5 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाए। इसके अलावा, संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर भी की जा सकती हैं। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे स्थानों पर पैट्रोलिंग बढ़ाएं और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करें।
श्री सांगवान ने निगम आयुक्त एंव उपायुक्त अमित खत्री से कहा कि वे कूड़ा जलाने संबंधी मामले में सख्त कदम उठाते हुए कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि सभी अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में कूड़ा जलाने संबंधी मामले पर नजर रखें और ऐसा करने वालो के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कूड़ा जलाने पर उसमें से विषैला धुंआ निकलता है जो हम सभी के लिए स्लो पाॅयजन की तरह है।
बैठक में बताया गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ज्यादा से ज्यादा वाहनों में डाले जा रहे तेल की सैंपलिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि कही वाहनों में कैरोसीन मिला डीजल या पेट्रोल का इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खाद्य एवं पूर्ति उपभोक्ता मामले तथा आरटीओ के अधिकारियों को मिलकर एक टीम बनाई गई है, जो वाहनों में प्रयोग हो रहे फ्यूल की जांच करेगी। क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा निजी वाहनों के फ्यूल की सैंपलिंग लेने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एकत्रित किए गए सैंपलों की जांच के लिए इन्हे नोएडा भेजा गया है।
बैठक में बताया गया कि जिला में 10 साल पुराने डीजल आॅटो व अन्य वाहनों तथा 15 साल पुराने पैट्रोल के वाहनों के चालान करने का अभियान क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण द्वारा चलाया जा रहा है। बताया गया कि 16 नवंबर शनिवार को आरटीओ द्वारा 41, रविवार को 61 तथा सोमवार 18 नवंबर को 23 वाहनों के चालान किए गए हैं। मंडलायुक्त ने क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे ऐसे कमर्शियल वाहनों की सूची निकालें जो 10 साल पुराने है और इसे ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के साथ सांझा करें ताकि ऐसे वाहनों का चालान किया जा सके।
बैठक में उपायुक्त एवं निगमायुक्त अमित खत्री, नगर निगम के चीफ इंजीनियर एन डी वशिष्ट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आरओ कुलदीप सिंह सहित कई विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
मंडलायुक्त ने क्यों दिए वाहनों में डाले जा रहे तेल की जांच के आदेश ?
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