एन काशीनाथ ने रेलवे बोर्ड के सदस्‍य का पदभार संभाला 

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नई दिल्ली। एन काशीनाथ ने रेल बोर्ड के सदस्‍य (सिग्नल तथा टेलीकॉम) का पदभार ग्रहण किया। एन काशीनाथ भारतीय रेल की सिग्नल इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसएसई) के 1980 बैच के अधिकारी हैं। श्री काशीनाथ अगस्‍त 2018 से रेल बोर्ड में डीजी (सिग्नल तथा टेलीकॉम) के पद पर कार्यरत थे।

एन काशीनाथ जबलपुर के गर्वमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स तथा टेलीकॉम्‍यूनिकेशन इंजीनियरिंग में स्‍नातक हुए। 1980 में पास आउट करने के बाद लगभग डेढ़ वर्षों तक वह नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में काम किया और फरवरी 1982 में रेलवे में शामिल हुए। वह उत्‍तर रेलवे में शुरू की गई ट्रेन डिस्‍क्राइबर परियोजना, उत्‍तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे के विभिन्‍न सेक्‍शनों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल की प्रारंभिक तैनाती तथा उत्‍तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे में जीएसएमआर का इस्‍तेमाल करते हुए मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन (एमटीआरसी) परियोजना के लिए सर्वेक्षण से जुड़े रहे। 2003 में उन्‍हें दक्षिण रेलवे में चीफ सिग्नल इंजीनियर (सीएसई) तथा चीफ सिग्नल तथा टेलीकॉम इंजीनियर (परियोजना) के रूप में पदस्‍थापित किया गया,जहां वह भारतीय रेल की पहली ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्‍ल्‍यूएस) परियोजना से जुड़े थे। यह परियोजना 2008 में चालू की गई थी।

काशीनाथ 2010 में विशाखापत्‍तनम में मंडलीय रेल प्रबंधक बने। वह 2012 में दक्षिण पूर्व रेलवे,कोलकाता के मुख्‍य सुरक्षा अधिकारी बने। बाद में उन्‍होंने मेट्रो रेल कोलकाता के प्रधान मुख्‍य सिग्नल तथा टेलीकॉम इंजीनियर के रूप में काम किया। अक्‍टूबर 2016 में उन्‍होंने अतिरिक्‍त सदस्‍य/सिग्नल रेल बोर्ड के रूप में काम किया और अगस्‍त 2018 में उन्‍हें डीजी (सिग्नल तथा टेलीकॉम) के रूप में पदोन्‍नत किया गया।

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